Bhopal: अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती के मौके पर गीता पाठ कर बनाया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

Bhopal:  मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में पुजारियों और आम नागरिकों समेत 3,721 लोगों ने भगवद गीता के ‘कर्म योग’ अध्याय का पाठ कर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। ‘अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती’ के मौके पर आयोजित इस सामूहिक पाठ में मुख्यमंत्री मोहन यादव समेत कई नेता मौजूद थे, इस दौरान सीएम को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र सौंपा गया।

माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने महाभारत के 18 दिनों के युद्ध के दौरान कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को भगवद् गीता का उपदेश दिया था। इसी दिन की याद में गीता जयंती मनाई जाती है। इस मौके पर राज्य के पर्यटन विभाग ने ऐलान किया कि सैलानियों और शोधकर्ताओं के लिए पूरे मध्य प्रदेश के होटलों, पुस्तकालयों समेत कई जगहों पर भगवत गीता और रामायण की प्रतियां रखी जाएंगी।

डॉ. मोहन यादव, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश “आज हम सब जानते हैं कि पवित्र गीता जयंती मनाई जा रही है। ऐसे में मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा गीता जयंती के अवसर पर एक वर्ल्ड रिकार्ड बनाया गया। जिसमें पवित्र गीता का हमारे सभी ब्रह्म देवाओं सहित गीता सुधि साधकों ने अपने उच्चारण से इस आयोजन में भाग लिया।”

शिव शेखर शुक्ला, प्रमुख सचिव, पर्यटन और संस्कृति, मध्य प्रदेश “गीता जंयती का आज विशेष अवसर था। 5161वीं जयंती पर आज यहां भव्य आयोजन हुआ। माननीय मुख्यमंत्री जी और हमारे समस्त मंत्रीगण और कई पदाधिकारियों ने सब ने और बड़ी संख्या में लोगों ने भागीदारी की। विश्व रिकार्ड यहां बना। सबसे ज्यादा संख्या में एक ही स्थान पर गीता का स्श्वर पाठ करने का विश्व रिकार्ड यहां पर बना। गिनीज बुक में नाम दर्ज हुआ भोपाल का। ऐतिहासिक समय है और इन सबका उद्देश्य यही है कि गीता जी के प्रति प्रेम, निष्ठा और जागरुकता का वातावरण बने।”

आचार्य रमाकांत शास्त्री, पुजारी “आज के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कुरुक्षेत्र के पावन प्रांगण में जहां 18 सेना है उनके बीच में यदि समाज को ये संदेश दिया भगवान ने कर्म करना व्यक्ति को चाहिए। व्यक्ति जो कर्म करता है वो ही आगे बढ़ता है। इसलिए कर्म करना बहुत जरूरी है।”

पुंडरी कृष्ण शास्त्री, पुजारी “भगवान श्रीकृष्ण ने जो गीता में उपदेश दिए, उसमें भगवान ने समस्त प्रकार की शिक्षा दी ज्ञान योग, कर्म योग, सन्यास योग आदि के बारे में भगवान ने भगवत गीता में बताया। जब भगवत गीता जी का पाठ करते हैं जिस प्रकार अर्जुन अपना बल हार करके बैठे हुए थे तो भगवान ने उनको शिक्षा दी बोले अर्जुन तुम चिंता मत करो तुम कर्म करो। अर्जुन को कर्म करने की शिक्षा भगवान ने प्रदान की।”

 

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