Sardar Griha: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में पुलिस मुख्यालय के सामने क्रॉफर्ड मार्केट के कोने में सरदार गृह नाम की इमारत है, किसी समय शहर आने पर लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक इसी घर में ठहरते थे।
इमारत में तिलक को समर्पित कुछ कमरे हैं। इसके अलावा परिसर में कुछ दुकानें और व्यापारिक संस्थान हैं, लोकमान्य तिलक स्वराज्य भूमि स्मारक ट्रस्ट के प्रमुख प्रकाश सिलम ने मांग की है कि सरदार गृह की ऐतिहासिक अहमियत को देखते हुए सरकार को इसे अपने कब्जे में लेना चाहिए और इसे स्मारक में तब्दील करना चाहिए।
सिलम ने बताया कि सरदार गृह में अहम बैठकें होती थीं, यहां तिलक ने आजादी की लड़ाई के दौरान योजनाएं बनाने के लिए कई प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों से मुलाकात की, लोकमान्य तिलक ने एक अगस्त 1920 को सरदार गृह में ही अंतिम सांस ली थी, उनका अंतिम संस्कार गिरगांव चौपाटी में किया गया था।
लोकमाया तिलक स्वराज्य भूमि स्मारक ट्रस्ट के प्रमुख प्रकाश सिलम ने कहा कि “सरदार गृह को सरकार को खरीदना चाहिए। उसको अच्छी तरह रिकंस्ट्रक्ट करना चाहिए और भारत को समर्पित करना चाहिए। ब्रिटिश साम्राज्य के साथ सचमुच जो लड़ाई लड़ी। एक योद्धा थे, एक लायन था देश का। एक अभिमान था देश का, सरदार गृह को जिंदा रखना जरूरी है।”
इसके साथ ही कहा कि “सरदार गृह तिलक का मुंबई का निवास स्थान था, यहां उनसे मिलने के लिए पूरी दुनिया के, पूरे देश के लोग आते थे। बड़े-बड़े नेता लोग आते थे। यहां उनको खाना-पीने का, रहने का इंतजाम होता था। जब लोकमान्य तिलक जी गुजर गए तो उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार गिरगांव चौपाटी पर किया गया।”