Pune: महाराष्ट्र के पुणे में रहने वाले सूर्यकांत भावे तीन दशकों से खास थीम वाली गणेश मूर्तियां तैयार कर रहे हैं, इस साल सूर्यकांत ने जो मूर्ति तैयार की है वो पुणे के गुंडाचा गणपति मंदिर में रखी 100 साल पुरानी मूर्ति की थीम पर बनाई है।
भावे का कहना है कि उन्होंने अपनी मूर्ति में इको फ्रेंडली सामान का इस्तेमाल किया है, सूर्यकांत भावे ये भी बताते हैं कि वह केवल अपने घर में स्थापित करने के लिए मूर्तियां बनाते हैं, गणेश चतुर्थी से शुरू हुए 10 दिन के गणेश उत्सव का समापन अनंत चतुर्दशी को होगा।
गणेश मूर्ति निर्माता सूर्यकांत भावे ने कहा कि गणपति इको फ्रेंडली हैं, जैसे हमारे पुणे में बहुत पुराना मंदिर है उसको गुंडाचा गणपति बोलते हैं। कम से कम वो 100-150 साल पुरानी मूर्ति है, जैसे के जैसे व मिट्टी की बनाई है और उसके ऊपर कलर करके सिंदूर ही लगाया है, दूसरा कोई नहीं है और पुराने जमाने में जैसे बाजार होते थे ना मंडी बोलते थे तो इस साल ये कल्पाना की कि मंडी बनाएंगे, इसलिए मंडी का डेकोरेशन किया मैंने.
इसके साथ ही कहा कि प्रकृति को कोई हानि हो ऐसी चीज यूज ही नहीं करनी चाहिए, क्योंकि हम जो प्रकृति को देते हैं वही प्रकृति हमें वापस देती है। जैसे ही थर्माकोल बंद हुआ तो मैंने आज तक थर्माकोल का यूज नहीं किया गए छह साल में, मैंने नेचुरल डेकोरेशन का यूज किया है।