Nashik: हाल में प्याज की कीमत काफी गिरी है। वजह है महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों में बम्पर फसल होना। इससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा था, लेकिन अब उन्हें थोड़ी राहत मिली है। सरकार ने प्याज से 20 फीसदी निर्यात शुल्क वापस लेने का ऐलान किया, ये नियम पहली अप्रैल से लागू होगा। किसान अर्से से इसकी मांग कर रहे थे, सरकार के फैसले से वो राहत की सांस ले रहे हैं।
किसानों का कहना है कि “किसान रात-दिन मेहनत करता है, लेकिन उसका मेहनत जो है, उसका मेहनत का दाम नहीं मिल रहा था। इसलिए केंद्र सरकार ने जो 20 टके निर्यात शुल्क हटाया। हम उसका अभिनंदन करते हैं। आने वाले समय में भी कभी एक्सपोर्ट ड्यूटी और निर्यात बंदी, ये नहीं करना चाहिए, क्योंकि किसान जो मेहनत करता है, ऐसा कोई मेहनत नहीं करता है। किसान ये देश का अन्नदाता है।”
फिर भी कुछ किसानों का कहना है कि सरकार ने फैसला लेने में देरी कर दी। महाराष्ट्र स्टेट ओनियन प्रोड्यूसर फार्मर्स एसोसियेशन भरत दिघोले अध्यक्ष ने कहा कि “यह निर्णय लेने में केंद्र सरकार ने बहुत देर कर चुकी है। क्योंकि अभी प्याज की जो आपूर्ति है, वो देश में ही हो रही है। ज्यादा आवक होने के कारण अगले कुछ दिनों में प्याज का जो दाम है, इससे भी कम हो सकती है।
इसके साथ ही कहा कि आज प्याज के दाम किसानों को राज्य के मंडियों में हजार-बारह सौ रुपये प्रति क्विंटल जितनी कम मिल रही है, जबकि किसानों के प्याज की लागत मूल्य ढाई हजार-तीन हजार रुपये प्रति क्विंटल जितना है। अभी प्याज के दाम बढ़ने के लिए, किसानों को अच्छा दाम मिलने के लिए प्याज का जो 20 प्रतिशत ड्यूटी है, वो हटने से काम नहीं होगा। उससे और बड़ा निर्णय सरकार को लेना पड़ेगा। केंद्र सरकार को प्याज के निर्यात पर अभी सब्सिडी, अनुदान देने की जरूरत है।”
घरेलू मांग पूरी करने के लिए सरकार ने प्याज निर्यात पर कई प्रतिबंध लगाए थे। पिछले साल सितंबर में निर्यात पर बीस फीसदी शुल्क भी लगाया गया था, जिसे अब हटा लिया गया है।