Maharashtra: वॉर सर्जरी म्यूजियम अनोखा है, यहां शल्य चिकित्सा उपकरण, युद्धक्षेत्र की डायरियां और घायल सैनिकों से निकलने वाले छर्रे जैसे नायाब सामान रखे हुए हैं। ये सैन्य चिकित्सा और अग्रिम मोर्चे पर डटे रहने वाले सशस्त्र बलों के बहादुर डॉक्टरों के जीवन की दुर्लभ झलकियां हैं।
ये संग्रहालय आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज या एएफएमसी के शल्य चिकित्सा विभाग में है। ये भारत और शायद पूरे एशिया में अपनी तरह का अनूठा संग्रहालय है।
इस संग्रहालय को दशकों से सावधानी के साथ तैयार किया गया है, यह संग्रहालय चिकित्सा विभाग के छात्रों, स्कूली बच्चों, पूर्व सैनिकों और गणमान्य मेहमानों के लिए खास है। ये सैन्य सर्जन के जीवन और चुनौतियों की झलक देता है। साथ में दिखलाता है कि प्रमुख युद्धों के दौरान युद्ध चिकित्सा कैसे विकसित हुई।
संग्रहालय 1948 में बनाया गया था। इसमें कलाकृतियां, दुर्लभ शल्य चिकित्सा उपकरण, युद्धक्षेत्र की डायरियां, घायल सैनिकों से निकले छर्रे और अलग-अलग सैनिक अभियानों में शामिल डॉक्टरों के निजी सामान रखे हैं।
इसका एक महत्वपूर्ण आकर्षण प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मेसोपोटामिया में तैनात तीसरी भारतीय फील्ड एम्बुलेंस की युद्ध डायरी है, एक हिस्से में जापानी समुराई तलवार हैं, जिन्हें शाही जापानी सैनिकों को दिया जाता था, यह तलवार युद्ध के समय चिकित्सा नैतिकता का सबूत हैं।
यहां अक्सर स्कूली छात्र, ट्रेनी डॉक्टर, वरिष्ठ सैनिक अधिकारी और जाने-माने लोग आते रहते हैं। वॉर सर्जरी म्यूजियम न सिर्फ सैनिक चिकित्सा इतिहास का दस्तावेजीकरण करता है, बल्कि वर्दीधारी डॉक्टरों की अगली पीढ़ी को प्रेरित भी करता है।