Maharashtra: महाराष्ट्र के ठाणे जिले के कल्याण में सड़क किनारे खाने का सामान बेचने वाले हर्ष गुप्ता के बेटे ने भारत के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों में से एक आईआईटी रुड़की में प्रवेश प्राप्त किया है।
गुप्ता के पिता संतोष एक ‘पानी-पूरी’ की दुकान चलाते हैं, हालांकि हर्ष की शैक्षणिक रुचि को देखते हुए उन्होंने राजस्थान के कोटा में कोचिंग के लिए जाना तय किया। हर्ष खुद दावा करते हैं कि वे बहुत देर से आगे बढ़े, यहां तक कि 11वीं कक्षा में फेल भी हो गए थे, लेकिन उसके बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की।
उन्होंने कहा, “मैं 11वीं कक्षा में देर से कोचिंग शुरू की, इसलिए मैं फेल हो गया। मैं पढ़ाई के लिए कोटा चला गया और 11वीं और 12वीं में मैंने बहुत मेहनत की। 12वीं में मुझे 98 पर्सेंटाइल मिले, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से मैं जेईई एडवांस में अच्छा स्कोर नहीं कर सका। मैंने फिर से तैयारी शुरू की, मेरे परिवार ने मेरा बहुत साथ दिया। मेरे परिवार की एक ‘पानी-पूरी’ की दुकान है। इसलिए इस बार मैंने जेईई मेन में 98.95 पर्सेंटाइल स्कोर किया और जेईई एडवांस के बाद मैं आईआईटी रुड़की में चयनित हो गया।”
हर्ष ने मुफ़्त यूट्यूब वीडियो और उधार ली गई किताबों का उपयोग करके खुद से पढ़ाई शुरू की यहां तक कि जब घर में बुनियादी ज़रूरतों के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे, तब भी उन्होंने हार नहीं मानी। उनके माता-पिता ने तब भी उनका साथ दिया, जब वे कोचिंग की फ़ीस नहीं दे सकते थे।
उनके पिता संतोष गुप्ता ने कहा, “वो बचपन से ही पढ़ाई में बहुत अच्छा था, वह बहुत समर्पित बच्चा है और मुझे इस पर बहुत गर्व है।”
हर्ष गुप्ता ने बताया कि “मैंने 11वीं में लेट था जिस वजह से मैं फेल हो गया। मैंने कोटा जाने का डिसिजन लिया और मेरी फैमिली ने मुझे सपोर्ट किया उस चीज के लिए।मैं कोटा गया। मोशन एजुकेशन कोटा में। यहां पर एनवी सर ने मुझे गाइड किया। 11वीं और 12वीं में मैंने बहुत अच्छे से तैयारी की। 12वीं में मेरे जेईई में 98 पर्सेंटाइल थे लेकिन हेल्थ की वजह से मेरा एडवांस क्लीयर नहीं हो पाया। मन में ये था कि आईआईटी ही जाना है।
एनआईटी मिल रही थी जो की काफी अच्छे कॉलेज थे इंडिया के लेकिन आईआईटी जाने का ड्रीम था। मेरी ड्रीम आईआईटी बंबई और रुड़की थी स्पेशल। मैंने फिर से तैयारी की मेरी फैमिली का पूरा सपोर्ट था। मेरे मम्मी पापा पानी पूरी की दुकान लगाते हैं। उन्होंने बचपन से यही कहा कि पढ़ाई पर ध्यान दो। उन्होंने पढ़ाई के लिए कभी मना नहीं किया। मैंने तैयारी की और इस साल मेरा मेन्स में 98 पर्सेंटाइल और जेईई में मेरा सेलेक्श हुआ है। आईआईटी रुड़की में दाखिला मिल रहा है।”