Maharashtra: महाराष्ट्र में नैगांव के रहने वाले गोरखनाथ मोरे पूर्व नौसैनिक हैं। उनकी उम्र 79 साल है। इस उम्र में उन्होंने काबिल-ए-तारीफ काम किया है। मोरे ने 12वीं की परीक्षा पास कर ली है। गोरखनाथ मोरे फिलहाल एक कंपनी के लीगल विभाग में काम कर रहे हैं। उन्हें अपने सहकर्मियों से पुराना सपना पूरा करने और वकील बनने की प्रेरणा मिली। इस दिशा में 12वीं पास करना पहला कदम है।
मोरे को हर कदम पर परिवार का साथ मिला। परिवार की मदद की बदौलत उन्होंने काम के साथ-साथ पढ़ाई भी की। परीक्षा के नतीजे आने पर परिवार की खुशी का ठिकाना न था। गोरखनाथ ने बताया कि उन्हें ना सिर्फ परिवार ने, बल्कि कंपनी और सहकर्मियों ने भी पूरा सहयोग दिया और उनकी कामयाबी का जश्न मनाया। गोरखनाथ ने पढ़ाई-लिखाई से जुड़ी पुरानी मान्यताओं को तोड़ है और साबित कर दिखाया है कि कामयाबी के रास्ते उम्र रोड़ा नहीं बनती।
गोरखनाथ मोरे ने कहा, “बोले कि आप एडवोकेट क्यों नही बन रहे हो? 15 साल आपने ऐसे ही वेस्ट कर दिया। मैं बोला, हां, वो तो है। बोलता नहीं, आप एलएलबी करो। मैं बोला, सर मैं तो 12वीं फेल है। बोला, आप 12वीं पास करो। तो उन्होंने मुझे गाइड किया अच्छी तरह से। मोटिवेट किया। और मेरा कंपनी को मैंने बताया कि ऐसा है। कंपनी के हमारे सेठ, हमारे एडवोकेट्स, उन्होंने मुझे गाइड किया। तो मैं 12 का एग्जाम के लिए प्रिपेयर हुआ। 12 का एग्जाम दिया और सक्सेस हो गया।”
बेटी अश्विनी मोरे ने कहा, “जब डैडी ने मुझे बताया कि वो 12 का एग्जाम देना चाहते हैं, उनको वकील बनना है, क्योंकि वो जो काम करते हैं वो इससे रिलेटेड है। कोर्ट में जाना रहता है उनका। तो मैंने बोला, बहुत अच्छी बात है। बट जॉब के साथ पढ़ाई मैनेज करना, आप कैसे मैनेज करोगे? तो बोला मैं कर लूंगा। तो सब परिवार वालों ने भी बहुत सपोर्ट किया डैडी को, कि आप करो करके। मैंने उनको बोला कि आप पढ़ाई करो। थोड़ा ब्रेक ले लो जॉब में। तो बोला कि नहीं, मैं काम पर भी जाउंगा और पढ़ाई भी करूंगा। तो वो कोर्ट में जाते थे। कोर्ट से वापस ऑफिस जाना। फिर रात को आठ बजे आकर पढ़ाई करते थे। तो बहुत मेहनत किया है उन्होंने। और बहुत अच्छा रिजल्ट आया। हम परिवार वाले बहुत खुश हैं।”