Dahi Handi: महाराष्ट्र सरकार ने दही हांडी उत्सव में भाग लेने वाले 1.5 लाख ‘गोविंदाओं’ के लिए बीमा कवरेज की घोषणा की है, जिसके तहत मृत्यु की स्थिति में अधिकतम 10 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा। यह कदम दही हांडी उत्सव से एक महीने से भी कम समय पहले उठाया गया है।
दही हांडी उत्सव में, “गोविंदा” उन युवकों या पुरुषों के समूह को कहा जाता है जो एक-दूसरे के ऊपर चढ़कर मानव पिरामिड बनाते हैं और दूध, दही तथा मक्खन से भरी हांडी (मिट्टी का बर्तन) को फोड़ने का प्रयास करते हैं बीमा पैकेज में मानव पिरामिड बनाने के दौरान लगीं आकस्मिक चोटों के लिए भुगतान किया जाएगा।
बुधवार को जारी एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) के अनुसार, राज्य सरकार इस वर्ष 16 अगस्त को मनाए जाने वाले इस उत्सव के दौरान मानव पिरामिड बनाने वाले पंजीकृत प्रतिभागियों के लिए बीमा खर्च वहन करेगी। महाराष्ट्र राज्य गोविंदा एसोसिएशन, मुंबई को ‘गोविंदाओं’ के प्रशिक्षण, आयु और भागीदारी का सत्यापन करने तथा उनका विवरण पुणे में खेल एवं युवा सेवा आयुक्त को प्रस्तुत करने के लिए नियुक्त किया गया है। सरकारी आदेश में दुर्घटनाओं की छह श्रेणियों और उनके अनुसार बीमा भुगतान की रूपरेखा बताई गई है।
दही हांडी प्रदर्शन के दौरान मृत्यु होने पर, मृतक ‘गोविंदा’ के परिजन को 10 लाख रुपये मिलेंगे। पूरी तरह से स्थायी दिव्यांगता, जैसे दोनों आंखों या दो अंगों को नुकसान होने की स्थिति में भी इतनी ही राशि का भुगतान किया जाएगा। आदेश के अनुसार एक आंख, एक हाथ या एक पैर खोने वाले ‘गोविंदाओं’ को पांच लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा।
इसके अनुसार इसके अतिरिक्त, बीमा योजना के तहत प्रदर्शन के दौरान लगी चोटों के लिए एक लाख रुपये तक का चिकित्सा खर्च वहन किया जाएगा। राज्य सरकार ने कहा कि यह कदम प्रतिभागियों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करते हुए इस पारंपरिक आयोजन को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।