Winter: सर्दियों में डायबिटीज़ के मरीजों के लिए पैरों का ध्यान रखना विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है। डायबिटीज़ के कारण रक्त प्रवाह में कमी आ सकती है और तंत्रिका तंत्र भी प्रभावित हो सकता है, जिससे पैर में घाव, सूजन या संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। सर्दी में मौसम के बदलाव के साथ पैरों में संक्रमण के मामलों में भी बढ़ोतरी होती है। ऐसे में पैरों का खास ध्यान रखना जरूरी है। आइए जानते हैं सर्दियों में फुट इंफेक्शन से बचने के लिए डायबिटिक लोग क्या सावधानियाँ और टिप्स अपना सकते हैं।
1. पैरों की सफाई और सुखाई
साफ़ और सूखे पैर: हर दिन अपने पैरों को गर्म पानी से धोकर अच्छी तरह से सूखा लें। गीले पैर लंबे समय तक रहने से बैक्टीरिया और फंगस का संक्रमण हो सकता है। खासकर अंगूठों के बीच की जगह को अच्छे से सूखा लें।
साबुन का चुनाव: एक सौम्य, हाइड्रेटिंग साबुन का उपयोग करें ताकि त्वचा को नुकसान न हो और वह सूखने से बच सके।
2. पैरों की नियमित जांच करें
घाव और घिसाव पर नजर रखें: सर्दियों में त्वचा सूखी और कठोर हो सकती है, जिससे कटने या घाव होने का खतरा बढ़ता है। रोजाना पैरों की जांच करें, खासकर उन स्थानों पर जहां अधिक दबाव पड़ता है, जैसे पंजे और एड़ी।
सूजन और जलन: यदि पैर में सूजन या जलन महसूस हो, तो इसे हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
3. सही फुटवियर पहनें
आरामदायक जूते: सर्दियों में सही फुटवियर पहनना अत्यंत महत्वपूर्ण है। जूते न केवल गर्म होने चाहिए, बल्कि वे ठीक से फिट भी होने चाहिए। तंग जूते या सख्त जूते पहनने से पैरों में घर्षण हो सकता है, जो घाव और संक्रमण का कारण बन सकता है।
वूलन सॉक्स का उपयोग करें: सर्दियों में पैरों को ठंड से बचाने के लिए वूलन या कॉटन के सॉक्स पहनें। ये न केवल पैरों को गर्म रखते हैं, बल्कि पसीने को भी अवशोषित करते हैं, जिससे बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण का खतरा कम होता है।
4. त्वचा को हाइड्रेट करें
मॉइश्चराइज़र का इस्तेमाल: सर्दियों में ठंडी हवा और हीटर के कारण त्वचा सूख सकती है। रोज़ाना पैरों पर अच्छे मॉइश्चराइज़र का इस्तेमाल करें, जिससे त्वचा को नमी मिले और वह फटी न हो।
पैरों पर तेल लगाना: आप नारियल तेल या जैतून तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो न केवल त्वचा को हाइड्रेट करता है, बल्कि एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भी भरपूर होता है।
5. खास खानपान और पानी का सेवन
पानी पिएं: सर्दियों में पानी का सेवन कम हो जाता है, लेकिन शरीर को हाइड्रेटेड रखना जरूरी है। पानी की कमी से त्वचा सूखी हो सकती है और घाव जल्दी नहीं भरते। पर्याप्त पानी पिएं ताकि त्वचा हाइड्रेटेड रहे।
हेल्दी डायट: डायबिटीज़ के मरीजों को अपने आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए। कम शर्करा वाले और फाइबर से भरपूर आहार का सेवन करें, ताकि रक्त शर्करा नियंत्रित रहे और घाव जल्दी ठीक हो सकें।
6. विटामिन D का सेवन करें
सर्दियों में धूप की कमी हो सकती है, जिससे शरीर में विटामिन D की कमी हो सकती है। विटामिन D हड्डियों और त्वचा की सेहत के लिए जरूरी है। इसके लिए आप डॉक्टर से सलाह लेकर विटामिन D सप्लीमेंट्स का सेवन कर सकते हैं या कुछ खाद्य पदार्थ जैसे मछली, अंडे और दूध का सेवन कर सकते हैं।
7. व्यायाम और रक्त संचार
पैरों की एक्सरसाइज: पैरों के रक्त संचार को बेहतर बनाने के लिए हल्के व्यायाम करें। यदि आप लंबे समय तक बैठे रहते हैं, तो हर घंटे पैरों को हिलाएं या थोड़ा टहलें। इससे रक्त प्रवाह बेहतर रहेगा और पैर में सूजन या घाव का खतरा कम होगा।
8. ध्यान रखें कि डायबिटीज़ नियंत्रित हो
ब्लड शुगर का नियंत्रण: अपने ब्लड शुगर को नियंत्रित रखें। उच्च रक्त शर्करा के स्तर से रक्त प्रवाह प्रभावित हो सकता है, जिससे घाव ठीक होने में समय लगता है और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। नियमित रूप से शुगर के स्तर की जांच करें और डॉक्टर के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
सर्दियों में डायबिटिक लोगों के लिए पैरों का ध्यान रखना और उन्हें सही तरीके से देखभाल करना बेहद जरूरी है, क्योंकि संक्रमण और घाव जल्दी ठीक नहीं होते। उचित फुटवियर, सफाई, त्वचा की देखभाल, और रक्त शर्करा को नियंत्रित रखने के उपायों को अपनाकर आप अपने पैरों को सुरक्षित रख सकते हैं और किसी भी फुट इंफेक्शन से बच सकते हैं।