Winter: कश्मीर की कड़ाके की ठंड में जब गर्मी पैदा करने के लिए हीटिंग उपकरणों का अत्यधिक उपयोग किया जाता है, तो आवासीय और औद्योगिक क्षेत्रों में आग लगने का खतरा बढ़ जाता है। भयंकर सर्दियों का सामना करने के लिए बने पारंपरिक लकड़ी के मकान इस क्षेत्र को और भी ज्यादा असुरक्षित बनाते हैं।
श्रीनगर की संकरी गलियों और शहर के मुख्य इलाके में इमारतों के बीच पर्याप्त जगह न होने से आग पर जल्दी काबू नहीं पाया जा सकता है। आग देखते ही देखते इमारतों और सामानों को अपनी चपेट में ले सकती है, जिससे इसे नियंत्रित करना बेहद मुश्किल हो जाता है। पारंपरिक हीटिंग सिस्टम और आधुनिक उपकरण यहां विलासिता नहीं हैं। लेकिन घटिया या अप्रमाणित उपकरणों का अत्यधिक और लापरवाही से उपयोग आग का कारण बन सकता है।
निवासियों का कहना है कि लोगों को ऐसी आग दुर्घटनाओं से बचने के लिए हीटिंग उपकरणों का जिम्मेदारी से उपयोग करना चाहिए। लोग सब हीटिंग सिस्टम, हमारा वो फेमस है कांगड़ी का सिस्टम, लोग घरों में आग जलाते हैं, लोगों को भी देखना चाहिए, केयर करना चाहिए कि जिन एरिया में मकान साथ साथ हैं तो उनका ख्याल रखना चाहिए। इस चीज का भी ख्याल रखना चाहिए।”
यद्यपि नवंबर 2025 तक आग से संबंधित दुर्घटनाओं की संख्या घटकर 468 रह गई है (जबकि 2024 में यह संख्या 720 थी), फिर भी खतरा बना हुआ है। निवासियों की मांग है कि सरकार वार्षिक अग्नि सुरक्षा निरीक्षण सुनिश्चित करे और सुरक्षा उपायों के प्रति जन जागरूकता बढ़ाए, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाओं के अधिकारियों का कहना है कि जागरूकता कार्यक्रमों से आग लगने की घटनाओं में कमी आई है, लेकिन हीटिंग उपकरणों का अत्यधिक उपयोग और घटिया गुणवत्ता वाले उपकरण अभी भी चिंता का कारण बने हुए हैं।
श्रीनगर का अग्निशमन विभाग अत्याधुनिक संसाधनों से लैस है, जिनमें 15 मीटर से ज्यादा ऊंची इमारतों में लगी आग को बुझाने के लिए हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म भी शामिल हैं। लेकिन, संकरी गलियां और गलत तरीके से खड़ी गाड़ियां अक्सर अग्निशमन दल के आने-जाने में बाधा डालती हैं।
अधिकारियों का कहना है कि जनता का सहयोग इस मामले में बहुत जरूरी है। फिलहाल, एकमात्र प्रभावी समाधान प्रमाणित बिजली उपकरणों का विवेकपूर्ण इस्तेमाल, अग्निशामक यंत्रों की स्थापना और नुकसान को कम करने और जान-माल के नुकसान को रोकने के लिए की गई तैयारियां ही हैं।