Vaishno Devi: वैष्णो देवी में भूस्खलन की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है, अधिकारियों ने बताया कि जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में पर्वतीय क्षेत्र में वैष्णो देवी मंदिर के मार्ग पर एक दिन पहले भूस्खलन हुआ था। अधिकारियों ने कहा कि लगातार और भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में कम से कम 20 लोग घायल हो गए हैं। भूस्खलन से पहाड़ की ढलान से पत्थर, शिलाखंड और चट्टानें नीचे गिरने लगीं, इससे बेखबर लोग इसकी चपेट में आ गए।
घटना के बाद वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा स्थगित कर दी गई, मृतकों में से अब तक 24 की पहचान हो चुकी है, इनमें से 14 महिलाएं हैं। कुछ तीर्थयात्री राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब और महाराष्ट्र के रहने वाले थे। अज्ञात 10 शवों में से चार महिलाओं के हैं। कटरा से मंदिर तक की 12 किलोमीटर की यात्रा के लगभग आधे रास्ते में एक स्थान पर भूस्खलन हुआ।
मंदिर तक जाने के दो मार्ग हैं, जिसमें हिमकोटि पैदल मार्ग पर सुबह से यात्रा स्थगित कर दी गई थी, जबकि पुराने मार्ग पर अपराह्न डेढ़ बजे तक यात्रा जारी थी, हालांकि अधिकारियों ने मूसलाधार बारिश को देखते हुए यात्रा अगले आदेश तक स्थगित करने का फैसला किया। जम्मू में उफनती नदियों के जलस्तर में कमी के संकेत मिले, लेकिन अनंतनाग और श्रीनगर में झेलम नदी बाढ़ की चेतावनी के निशान को पार कर गई और पानी कई रिहायशी इलाकों में घुस गया।
अधिकारियों ने लोगों को भरोसा दिलाया है कि वह हालात पर नजर रख रहे हैं और उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। लगातार भारी बारिश ने केंद्र शासित प्रदेश में भारी तबाही मचाई। उनके मुताबिक बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा, पुल ढह गए और मोबाइल टावर और बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त हो गए। दूरसंचार सेवाएं भी 22 घंटे से अधिक समय तक ठप रहने के बाद आंशिक रूप से बहाल हो गईं, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला हालात की समीक्षा करने के लिए श्रीनगर से जम्मू पहुंचे।
श्रद्धालुओं का कहना है कि “जिला अमरोहा से आए हैं। माता वैष्णव देवी के दर्शन के लिए आए थे मियां-बीवी, हमारे साथ लड़का है। आए थे हम कल 10 बजे, यहां रूम में रखा है, यहां पर रास्ता बंद कर दिया गया है, पहाड़ी खिसक गई थी, हम लोग कहां पे जाएं।”
“हम लोग हरिद्वार से आए हैं, करीब 24-25 लोग हैं। हम लोग माता रानी के दर्शन करने के लिए आए थे। हम कल से यहां आए हुए हैं और मौसम बहुत ज्यादा खराब है, लाइट-वाइट सब कुछ बंद है यहां पर, कोई भी व्यवस्था नहीं है, ऊपर रास्ता बंद किया हुआ है, रजिस्ट्रेशन बंद किए हुए हैं और कोई भी चांस नहीं है रास्ता खुलने का। बताया जा रहा है अभी दो से तीन दिन लग सकते हैं।”
इसके साथ ही श्रद्धालुओं ने बताया कि “मौसम खराब है, सारा यात्रा बंद है, हेलीकॉप्टर से लेके पैदल यात्रा सब बंद कर चुके हैं ये लोग। थोड़ी निराशा है, डिसाप्वाइंटमेंट है बट हम कल भी वेट करेंगे, परसों भी वेट करेंगे। जब भी खुलता है हेलीकॉप्टर, हम फिर यात्रा के लिए आगे बढ़ेंगे। देखते हैं।”