Uri: जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास मौजूद उरी में चुरिंडा गांव के लोगों ने अधिकारियों से आग्रह कर रहे हैं कि वो पहलगाम में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ जारी तमाव के बीच इलाके में और ज्यादा बंकरों का निर्माण करें।
गांव के एक निवासी ने कहा कि “हम आशा करते हैं कि कोई फायरिंग नहीं होगी। 2020 में जब फायरिंग हुई, तो हमें बहुत पीड़ित किया गया। हमारा गांव एलओसी और पाकिस्तान के पास है। जब भी वो सेना को निशाना बनाते हैं, उसका खामियाजा हमारे गांव के लोगों को उठाना पड़ता है। हम इस तरह की घटनाओं के दौरान अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और ज्यादा बंकर बनाने की मांग करते हैं।”
गांव के एक और निवासी ने कहा कि “सीमा पर हालात बहुत तनावपूर्ण हैं। एलओसी के पास रहने वाले लोग परेशान हैं। हम शांति चाहते हैं।” सेना के अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू कश्मीर के पुंछ और कुपवाड़ा जिले में गोलीबारी की। ये लगातार चौथी रात थी कि पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा के पास फायरिंग की है।
स्थानीय निवासियों क कहना है कि “हम। बॉर्डर के लोग जो हैं इस वक्त वो डर के माहौल में हैं। इस वक्त हमारे बच्चे डरे हुए हैं। सब लोग परेशान हैं, वो स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। हमारे घरों में लोगों ने खाना खाना छोड़ दिया है। डर का माहौल बना हुआ है। हम ये दुआ करते हैं कि अपने मुल्क हिंदुस्तान से कि दोनों मुल्क बैठकर, जो हमारा पड़ोसी मुल्क है ये दोनों मुल्क बैठ कर आपस में टेबल टॉक करें। बातचीत से मसला हल होता है, न कि लड़ाई है। हम चाहते हैं यहां पर इस बार अमन बना रहे।”
इसके सटह ही कहा कि “हम चाहते हैं इस बाद फायर न हो, क्योंकि 2020 में फायर हुआ था, तो यहां पर बहुत नुकसान हुआ। क्योंकि ये गांव जो है वो बॉर्डर के बिलकुल पास एलओसी के पास है। यहां से थोड़ा ही दूर पाकिस्तान है। यहां पर आर्मी पोस्ट बस्तियों के नजदीक है, इन पर जब टारगेट करते हैं तो बस्तियों को बहुत नुकसान होता है। हम चाहते हैं कि यहां पर बंकर और बनने चाहिए, ताकि हम फायर में सुरक्षित रह सके।”