Pahalgam attack: बेखौफ हैं कई सैलानी, उठा रहे हैं घाटी की खूबसूरती का लुत्फ

Pahalgam attack:  कुछ ही दिन पहले जम्मू कश्मीर में पहलगाम के पास आतंकी हमले ने 26 लोगों की जान ले ली थी। उनमें ज्यादातर सैलानी थे, उसके बाद डरे हुए सैलानियों में वहां से जाने की होड़ लग गई, लेकिन सुशांत और प्रीति ने भय को ताक पर रखा और इसी शहर में शादी की सालगिरह मनाने का फैसला किया।

महाराष्ट्र से आए दंपति ने इस फैसले की वजह बताई। वे दुनिया को संदेश देना चाहते थे कि पहलगाम में जिंदगी पुरानी रफ्तार से चल रही है। लोगों को बेखौफ होकर खूबसूरत वादियों का दीदार करने और लाजवाब मेहमाननवाजी का लुत्फ उठाने यहां जरूर आना चाहिए।

पहलगाम में शादी की सालगिरह बनाने वाला सैलानी सुशांत ने कहा कि “हम ऐसे ही घूमने आए। हमारी एनिवर्सरी थी कल। तो आ गए घूमने। बोला, चलो कश्मीर घूमके आते हैं। थोड़ा इन्जॉय कर लेते हैं। अच्छा लगा हमको बहुत यहां पे। आए तो यहां के जो लोकल्स हैं, वो भी बहुत अच्छे हैं। अच्छे से बात करते हैं। ट्रीटमेंट भी अच्छा देते हैं। यहां की आर्मी भी अच्छी है, जो अभी प्रोटेक्शन दे रही है। नॉर्मली ही चल रहा है अभी सब। ऐसा कुछ प्रॉब्लम नहीं है यहां पे अभी।”

प्रीति, पहलगाम में शादी की सालगिरह मनाने वाली सैलानी “एक्चुअली जब अटैक हुआ तब हम श्रीनगर में ही थे। हमें पता चला अटैक हुआ। तो हमने पहलगाम कैंसिल कर दिया था कि हम यहां पर नहीं आएंगे। बट कल ऐसे सोचा कि चलो आए हैं तो देख लेते हैं। हम सेफ हैं, नहीं हैं, ताकि हम घर जाकर दूसरे लोगों को भी बता सकें कि सेफ हैं यहां पे। हम जा सकते हैं, घूम-फिर सकते हैं।

श्रीनगर की खूबसूरत डल झील शुक्रवार को शिकारे पर सैर करने वाले सैलानियों से गुलजार थी, हालांकि पिछले दो दिनों में भारी संख्या में सैलानी घाटी से चले गए हैं, लेकिन कई सैलानियों ने कश्मीर में छुट्टियां मनाने की पुरानी योजना में कोई तब्दीली नहीं की।

आतंकी हमले के बावजूद वे धरती का स्वर्ग कहलाने वाले कश्मीर और यहां की शानदार मेहमाननवाजी से दूर जाना नहीं चाहते थे। सैलानियों का कहना है कि “यहां के लोग काफी कोपरेटिव हैं और काफी अच्छे से उन्होंने ट्रीट किया। तो कोई दिक्कत नहीं है हमको। यहां हमें ऐसा फील नहीं हुआ, क्योंकि यहां पे सब लोग बहुत कोपरेटिव हैं और यहां आके फील अच्छा हुआ। भरोसा था यहां पे सबपे। हमारी फोर्सेज पे। इसलिए हमें अच्छा लगा यहां आके। लोग कोपरेटिव हैं और यहां ऐसा कुछ इशू नहीं आया। स्टे में और किसी में भी।

सैलानियों का कहना है कि “अभी हम लोग गुलमर्ग जाके आए। कल सोनमर्ग जाएंगे। आज इधर घूम रहे हैं। बोट हाउस के अंदर हैं। चार दिन घूमने का है। अलग-अलग डे जाके घूमेंगे हम लोग अपना, जम्मू से जब कश्मीर आ रहे थे, तब भी हम लोगों ने देखा कि जगह-जगह पे मिलिट्री खड़ी थी। इतनी सिक्योरिटी थी। सब चेकिंग चल रही थी। हमको बहुत सेफ लगा। कुछ भी ऐसा लगा ही नहीं कि कोई टेंशन होगा। कुछ हो जाएगा या कुछ। बहुत सेफ था। बहुत अच्छा है। मतलब बहुत ब्यूटीफुल है। एटमॉस्फेयर अच्छा है। यहां के लोग बहुत अच्छे हैं। हॉस्पिटैलिटी बहुत अच्छी है यहां की। बहुत फ्रेंडली लोग हैं। सब लोग आपको हेल्प भी करते हैं। बहुत हेल्पफुल भी लोग हैं यहां पे।”

कई लोगों का मानना है कि घाटी में सैलानियों की मौजूदगी इस बात की गवाह है, कि पहलगाम में आतंकी हमले के बावजूद लोगों को भरोसा है कि कश्मीर घूमने के लिहाज से बेहद सुरक्षित जगह है।

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