Pahalgam attack: पहलगाम में हुए भीषण हमले के बाद कश्मीर में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब रहने वाले लोगों की चिंता बढ़ गई है। बारामूला जिले में नियंत्रण रेखा के पास उरी में तनाव साफ दिख रहा है, 2016 में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने उरी में सेना के एक प्रतिष्ठान पर हमला किया था और भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक करके जवाब दिया था।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनैतिक विवाद शुरू होने के बाद उरी के लोग नियंत्रण रेखा पर फिर से तनाव बढ़ने की आशंका जता रहे हैं। उनका कहना है कि वे हमेशा भारतीय सेना के साथ खड़े रहे हैं और शांति की कामना करते हैं। उरी के निवासी आफताब ने बताया कि बॉर्डर के पास रहने वाले लोग सिर्फ शांति और सौहार्द चाहते हैं, पहलगाम का आतंकी हमला बहुत शर्मनाक है। यहां पर माहौल बहुत तनावपूर्ण हो गया है, यहां के लोग हमेशा सेना के साथ हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि “यह जो इंसिडेंट हुआ पहलगाम में यह पुलवामा के बाद एक बहुत बड़ा इंसिडेंट देखने में आ रहा है, जिसमें तकरीबन 25 से 26 लोग मारे गए। जिसकी वजह से कश्मीर के अंदर काफी तनावपूर्ण है और खासकर बात करें हमारे बॉर्डरों के ऊपर भी काफी तनावपूर्ण माहौल देखने को मिल रहा है और साथ -साथ में कई सारे जो रात को ऑर्डर पास हुए कि वीजे जो कैंसिल किए गए पाकिस्तान के और कुछ लोग यहां पर थे उनको वापिस जान के लिए कहा गया। जो लोग वहां हैं उनको वहां आने को कहा गया। ये काफी जो है इस वक्त हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच एक तनावपूर्ण माहौल फैल चुका है।”
लोगों का कहना है कि पहलगाम के अंदर इंसिडेंट सामने आया, सरहदों पर देखा जाए तो यहां के जो लोग हैं वो अमन चाहते हैं। हर साल अगर देखा जाए हर वक्त जो है सरहदों पर लोग जो हैं अमन चाहते हैं और लोग फौज के साथ चलते हैं। लेकिन जो इंसिडेंट पेश आया वो काफी शर्मनाक इंसिडेंट है, जिसकी वजह से बॉर्डरों पर भी जो है कहीं न कहीं तनाव देखने के मिल रहा है, तो हम बॉर्डर के लोग जो हैं शांति चाहते हैं, क्योंकि बॉर्डर के अंदर यहां पर रोजगार जरिए नहीं है जिसकी वजह से हम फौज के साथ हैं और हम चाहत हैं कि हमारी जो फौज हैवो सेफ रहे और फौज को जब भी हमारी जरूरत होती है तो हम फौज के साथ खड़े रहते हैं और हमारी यही है कि यहां बॉर्डर इलाके में शांति बनी रहे।”