Pahalgam Attack: जम्मू कश्मरी के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने भारत और पाकिस्तान के बीच स्थिति को काफी खराब बताया है, जिसमें भारत ने इस्लामाबाद को स्पष्ट संदेश भेजने के उद्देश्य से कई मजबूत कूटनीतिक कदम उठाए हैं। कंवल सिब्बल ने कहा कि भारत को वैश्विक स्तर पर काफी समर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि अगर सैन्य कार्रवाई की जरूरत पड़ी तो दुनिया भारत की मजबूरी को समझेगी। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी समर्थन मिला है। अगर इसके आधार पर हम कोई सैन्य कार्रवाई करने का फैसला करते हैं, तो मुझे लगता है कि दुनिया के ज्यादातर देश ऐसा करने की हमारी मजबूरी को समझेंगे।”
सिंधु जल संधि पर रोक लगाने के बारे में सिब्बल ने कहा, “जो संबंध पहले से ही बिल्कुल अच्छे नहीं थे, वे अब और भी खराब हो गए हैं।” उन्होंने कहा, “भारत पानी को नहीं रोकेगा, वो संधि के तहत बिजली परियोजनाओं के निर्माण के अपने वैध अधिकार पर पाकिस्तान की ओर से बाधा को बर्दाश्त नहीं करेगा। पाकिस्तान ने हमारी परियोजनाओं में देरी करके और जम्मू कश्मीर में विकास को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय तंत्र का इस्तोमाल करके संधि के कामकाज को बेहद मुश्किल बना दिया है।” सिब्बल ने कहा, “मिशन को 30 कर्मियों तक सीमित करने से वे लगभग अप्रभावी हो जाते हैं।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि मौजूदा कदम रणनीतिक प्रकृति के हैं। भारतीय कार्रवाई के जवाब में पाकिस्तान के बिजली मंत्री अवैस लिखारी ने दावा किया कि “सिंधु जल की प्रत्येक बूंद उनका अधिकार है” और वैश्विक मंच पर कानूनी और राजनीतिक रूप से इसका बचाव करने की कसम खाई। हालांकि, सिब्बल ने इन टिप्पणियों को खारिज करते हुए कहा कि भारत का इरादा अपने विकास के साथ आगे बढ़ना है, न कि पाकिस्तान में पानी के प्रवाह को रोकना।
भविष्य की संभावनाओं को लेकर सिब्बल ने कूटनीति से परे आगे की कार्रवाई का संकेत दिया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “पाकिस्तान की तरफ से विशेषकर उसके सैन्य नेतृत्व की ओर से, उकसावे की कार्रवाई से पता चलता है कि चीजें केवल कूटनीतिक स्तर तक ही सीमित नहीं रह सकतीं।” उन्होंने हाल ही में पाकिस्तानी सेना प्रमुख के भड़काऊ भाषण का हवाला देते हुए कहा कि इससे संभवतः पहलगाम में हमला हुआ। सिब्बल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति को अब अभूतपूर्व समर्थन मिल रहा है।
उन्होंने कहा, “जो देश कभी पाकिस्तान का नाम लेने से हिचकिचाते थे, वे अब सीमा पार आतंकवाद की निंदा कर रहे हैं। अमेरिका, यूरोपीय संघ, सऊदी अरब, यूएई और यहां तक कि ईरान ने भी भारत के समर्थन में कड़े बयान दिए हैं।” सिब्बल ने सुझाव दिया कि भारत किसी भी संभावित सैन्य कदम से पहले घरेलू समर्थन के लिए तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा, “ये अब केवल कूटनीति के बारे में नहीं है। जनता का मूड और राजनीतिक संकेत इशारा करते हैं कि और ज्यादा निर्णायक कार्रवाई हो सकती है।”