Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के खिलाफ पूरे प्रदेश में गुस्सा और शोक की लहर दौड़ गई है। इस जघन्य हमले में आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को 26 निर्दोष लोगों की जान ले ली, जिसमें कई टूरिस्ट भी शामिल थे। देशभर में इसकी तीव्र निंदा हो रही है और इसी के तहत जम्मू-कश्मीर के स्कूली छात्रों ने गुरुवार को एकजुट होकर विरोध जताया।
जम्मू के शिक्षा निकेतन स्कूल में स्कूल के प्रिंसिपल राजेश्वर मेंगी के नेतृत्व में एक विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गई। उन्होंने कहा, “ये जो स्पेशल प्रेयर आज हमने ऑर्गनाइज की है, ये एक्चुअली उन लोगों को श्रद्धांजलि थी, जो इनोसेंट थे और जिनकी फैमिली के सामने ही गोली मार दी गई। पूरी दुनिया ने इस वाकये को कंडेम्न किया है। हमारा पूरा स्कूल परिवार—7000 बच्चे, स्टाफ और मैनेजमेंट—इस अमानवीय कृत्य की तीव्र निंदा करता है।”
छात्रों ने मोमबत्तियां जलाकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी और शांति की प्रार्थना की। स्कूल परिसर में गमगीन माहौल था लेकिन बच्चों की आवाजों में आतंक के खिलाफ एकजुटता और साहस की झलक साफ दिखाई दी। गांदरबल जिले के स्कूल में भी छात्रों ने विशेष असेंबली की। उन्होंने हाथों में तख्तियां लेकर शांति और एकता का संदेश दिया। स्कूल की छात्रा इदिवा इरफान ने कहा,
“पहलगाम में अटैक हुआ, मैं उसकी कड़ी निंदा करती हूं। ऐसा दोबारा कभी हमारे कश्मीर में नहीं होना चाहिए। टूरिस्ट्स हमारे मेहमान हैं और उन्हें यहां सुरक्षित महसूस करना चाहिए।” वहीं एक छात्र ने कहा, “जो भी इस घटना के पीछे हैं, उन्हें सख्त सजा मिलनी चाहिए। ये हमारे कश्मीर की शांति को चोट पहुंचाने की कोशिश है।”
पहलगाम हमले की गूंज देशभर में सुनाई दी है। राजनीतिक, सामाजिक और आम नागरिकों से लेकर बच्चों तक ने इसकी निंदा की है। इस हमले ने सिर्फ कश्मीर ही नहीं, पूरे भारत के दिल को झकझोर दिया है। जहां एक ओर लोग गम में डूबे हैं, वहीं दूसरी ओर यह भी साफ है कि आतंक को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बच्चों की यह एकजुटता और संवेदनशीलता इस बात का प्रतीक है कि अगली पीढ़ी शांति और इंसानियत के रास्ते पर चलने के लिए तैयार है। यह विरोध सिर्फ एक हमले के खिलाफ नहीं, बल्कि एक संदेश है – कि हम आतंकवाद के आगे नहीं झुकेंगे।