Pahalgam attack: आतंकी हमले के विरोध में पहलगाम बंद, होटल बुकिंग रद्द करा रहे पर्यटक

Pahalgam attack: आतंकवादी हमले के विरोध में पर्यटन स्थल पहलगाम बंद रहा, हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें से ज्यादातर पर्यटक थे, सड़कें सुनसान दिखीं। दुकानें और दूसरे व्यापारिक प्रतिष्ठान भी बंद रहे। पहलगाम के होटल व्यवसायियों ने आतंकवादी हमले पर दुख और अपनी नाराजगी जताई है, उन्हें उम्मीद है कि जम्मू कश्मीर का पर्यटन उद्योग जल्द ही फिर से पटरी पर आ जाएगा।

सबजार अहमद, होटल मैनेजर, पहलगाम “हम उम्मीद करते हैं कि उनको जल्द से जल्द सजा दी जाएगी, जिन्होंने ये इतना घिंनौना काम अंजाम दिया है। और रही बात हमारी हमारा यहां कश्मीर का एक ही सेक्टर है वो टूरिज्म। पूरा कश्मीर इसी पर है तो हम चाहते हैं कि ये जल्द से जल्द रिस्टोर हो जाए। दोबारा से बहाल हो जाए। टूरिस्ट दोबारा वही बिल्कुल अमन से आ जाए। हम दिल की गहराइयों से उनका वेलकम करते हैं और हमारी रोजी रोटी भी यही है।”

मुनीर अहमद, होटल मैनेजर, पहलगाम “तो मेरा ये एक मैसेज यही रहेगा हमारे हिंदुस्तान के लिए कि टूरिस्ट फिर से आएं ताकि उन आतंकवादियों की सोच जो थी, हम डराएंगे और कश्मीर जो जन्नत है उसको जहन्नम बनाएंगे ।वो उनकी सोच बिल्कुल खत्म हो जाए । जब टूरिस्ट फिर से आएंगे। तो वो सोचेंगे की हमारा जो ये घटिया मिशन था ये फेल हो गया और टूरिस्ट जब आएंगे हम उनका वेलकम करेंगे। यहां पर उनके कंधा सेे कंधा मिलाकर चलेंगे और हमारी रोजी रोटी भी चलेगी और उन दुश्मनों को मुह तोड़ उनके मुंह पर वो थप्पड़ होगा।

अनंतनाग जिले में पहलगाम के करीब बैसरन में हुए आतंकी हमले के बाद बुधवार को बड़ी तादाद में पर्यटकों ने कश्मीर छोड़ना शुरू कर दिया।
श्रीनगर के होटल कारोबारियों ने भी बड़े पैमाने पर बुकिंग रद्द होने की जानकारी दी है। उनके मुताबिक पर्यटक डरे हुए हैं जिसकी वजह से होटल अब खाली होने लगे हैं।

अब्दुल मजीद, होटल मैनेजर, श्रीनगर “जो यह हुआ अच्छा नहीं हुआ है। मैं तो खाली इनशार्ट आपको कहूंगा कि ये हमारे पेट पर छुरा भोंका गया है जो ये हुआ अच्छा नहीं हुआ है क्योंकि टूरिस्ट हमारी जान है, टूरिस्ट हमारी शान है। टूरिस्ट के जरिए ही हमारा पेट चलता ,है हमारा घर बार चलता है अब तो न जाने क्या होने वाला है। अल्लाह बचाए, और मैं चाहता हूं कि दोबारा ऐसा न हो।

मेहराज अहमद डार, होटल मैनेजर, श्रीनगर “काम पे तो आप ऐसा देख लिजिए अभी पूरा जाम लगा रहता था ये है तो यहां पे भी इतना ही देखने को मिलता है कि एयरपोर्ट के लिए लोग जा रहे हैं। बाकी लोग जो अभी यहां पे थे चाह रहे हैं कि जो रोड खुला हो वो बिचारे बोलते हैं जिसकी फ्लाइट न हैं नहीं है तो वो चाहता है कि हम बाइ रोड ही चला जाए। बहुत डरे हुए लोग हैं मगर हम चाहते हैं कि अगर मतलब यहां पेे हम उनको एकमोडेट करें यहां पे और टूरिस्ट यहां पर बड़े डिस्टर्ब है हमारे कश्मीरियों के दिल रो रहे हैं अभी। ये बड़े बड़े ये जो इनोसेंट जो हुआ है ये वो बेवजह मारे गए हैं।उसके लिए जस्टिस की अपील कर रहें हैं।

आमतौर पर श्रीनगर की जिस बुलेवार्ड रोड पर चहल-पहल दिखती थी, वो अब सुनसान दिख रही है। होटल मालिकों का कहना है कि कई पर्यटक तुरंत वापसी नहीं करना चाहते, इसने उनकी उम्मीदों को बढ़ाया है। श्रीनगर होटल मैनेजर विजेयता “होटल इंडस्ट्री पर असर तो हुआ है। लोग डर गए हैं। बहुत सारे लोग चेकऑउट कर के जा भी रहे हैं। और जो नए अराइवल्स हैं वो कुछ सोच रहे हैं, दो दिन देखते है क्या होता है क्या नहीं होता है और उसके उपर वापस आने का सोच भी रहे हैं। डेफिनेटली जो हुआ है वो बुरा हुआ है लेकिन हमारी गवर्मेंट कुछ न कुछ तो करेगी और उसमें सुधार लाएगी। होटेलियर्स को थोड़ा सब्र करना पड़ेगा बहुत सारे लोग पहलगाम से चेकऑउट कर के श्रीनगर में रह रहे हैं थोड़ी रूम्स कंटीन्यू भी हो रहे हैं क्योंकि लोगों को थोड़ा सा दिलासा मिल रहा है।

ट्रैवल ऑपरेटरों ने बताया कि पहलगाम आतंकी हमले के तुरंत बाद से जम्मू कश्मीर के लिए अपनी फ्लाइट बुकिंग रद्द कराने वालों की संख्या में छह से सात गुना बढ़ोतरी हुई है। पर्यटन क्षेत्र जम्मू कश्मीर के सकल घरेलू उत्पाद का सात से आठ फीसदी हिस्सा है, यह लगभग ढाई लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार देता है।

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