Pahalgam attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का पर्यटन पर गहरा असर पड़ता दिख रहा है, देश के अलग-अलग हिस्सों की ट्रैवल एजेंसियों ने केंद्र शासित प्रदेश के लिए पहले से की गई बुकिंग के बड़े पैमाने पर रद्द होने की जानकारी दी है।
हालांकि, केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया है कि जम्मू कश्मीर के हॉस्पिटैलिटी सेक्टर पर असर को न्यूनतम करने के लिए हर मुमकिन प्रयास किए जाएंगे। अनंतनाग जिले में पहलगाम के करीब बैसरन घास के मैदान में आतंकवादियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी, इनमें से ज्यादातर पर्यटक थे। हमले के बाद बुधवार को हजारों पर्यटकों ने कश्मीर छोड़ना शुरू कर दिया।
सुबह पहलगाम वीरान नजर आया, जहां अब सन्नाटा पसरा हुआ है, मंगलवार की घटना के बाद ज्यादातर पर्यटक इलाके से जा चुके हैं। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पर्यटकों को इस तरह से वापस जाते देखना “दिल दुखाने वाला” है। उन्होंने कश्मीर की अर्थव्यवस्था के मुख्य आधार माने जाने वाले पर्यटन उद्योग पर पहलगाम आतंकी हमले के असर पर चर्चा करने के लिए एक विशेष कैबिनेट बैठक बुलाई है।
इधर, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित कई शहरों की ट्रैवल एजेंसियों ने बताया है कि कश्मीर की करीब 90 प्रतिशत बुकिंग्स रद्द हो चुकी हैं, जबकि कुछ पर्यटक अब अपने टूर प्लान को कुल्लू-मनाली, नैनीताल या नॉर्थ-ईस्ट की ओर शिफ्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। इडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स के सुभाष गोयल ने बताया कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीर यात्रा के लिए कैंसिलेशन में तेजी आई है। अब लोग हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर राज्यों जैसे वैकल्पिक पर्यटन स्थलों की ओर रुख कर रहे हैं।
पर्यटकों की वापसी को देखते हुए एअर इंडिया और इंडिगो ने श्रीनगर से दिल्ली और मुंबई के लिए कुल चार अतिरिक्त उड़ानें चलाने का फैसला लिया है। एयरलाइनों ने टिकट रिशेड्यूलिंग और कैंसिलेशन चार्ज भी माफ कर दिया है। ऑनलाइन ट्रैवल एग्रीगेटर ने भी कहा है कि वे एयरलाइंस और होटलों के साथ मिलकर फ्री टिकट रिशेड्यूलिंग और कैंसिलेशन की सुविधा यात्रियों को उपलब्ध करा रहे हैं।
पश्चिम बंगाल के सैलानी मौजित देबनाथ ने कहा कि “कश्मीरवादियां बहुत सुंदर हैं लेकिन यहां का माहौल हम लोग बचपन से सुनते आ रहे हैं कि बहुत टेंस रहता है। पिछले दो-तीन साल से इंप्रूव करने के बाद हमने फैसला किया कि हम यहां आएंगे और आए भी। लेकिन ये हादसा चेहरा बदल देता है कश्मीर का फिर से, तो सोचने वाली बात ये है कि पर्यटक हम लोग हैं और हमारी सेफ्टी के लिए क्या रह गया यहां पर? सुंदर हो सकता है लेकिन क्या सेफ्टी बची है हमारी?”
भारतीय चैंबर ऑफ कॉमर्स विमानन और पर्यटन के अध्यक्ष सुभाष गोयल ने कहा कि “इससे सबसे ज्यादा नुकसान जम्मू कश्मीर के गरीब लोगों को होगा जो पर्यटन पर निर्भर हैं। हाउसबोट मालिक, फूल विक्रेता, रिक्शा चालक, टैक्सी चालक और होटल व्यवसायी भी इससे प्रभावित होंगे। हमें तो अब से ही कैंसलेशन मिलने शुरू हो गए हैं। लोग जम्मू कश्मीर की जगह अब कुल्लू-मनाली, नॉर्थ-ईस्ट, अरुणाचल प्रदेश और नैनीताल जैसे विकल्प पूछ रहे हैं। हम बस यही उम्मीद करते हैं कि हालात जल्द सामान्य हो और कश्मीर में पर्यटन फिर से शुरू हो सके।”