Kishtwar: किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना, मलबे में फंसे जिंदा बचे लोगों की तलाश तेज

Kishtwar:  जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में दूर बसे पहाड़ी गांव चशोती में बादल फटने से हुए हादसे में 40 से ज्यादा लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है। माना जा रहा है कि मलबे में कुछ लोग फंसे हो सकते हैं। ऐसे में बारिश की वजह से रात भर रुके रहने के बाद जिंदा बचे लोगों की तलाश में बचाव और राहत अभियान शुक्रवार सुबह फिर से शुरू हो गया।

किश्तवाड़ एसपी प्रदीप सिंह ने कहा कि “हमारा सुबह से ही रेस्क्यू चल रहा है।जे एंड के पुलिस, एसडीआरएफ, सीआईएसएफ, आर्मी और यहां के लोकल लोग, यहां के एनजीओ, कंधे से कंधा मिलाकर यहां के लोगों ने हमारा साथ दिया है और इसमें तकरीबन जैसे कि मैंने पहले बताया आपको 45 से ज्यादा डेथ हुई हैं और 100 से ज्यादा इंजर्ड हैं लोग जिनको हमने शिफ्ट कर दिया है डिफरेंट हॉस्पिटल्स में, कुछ को किश्तवाड़, कुछ को जम्मू हॉस्पिटल्स में।”

इसके साथ ही तहसीलदार विजय कुमार गुप्ताने बताया कि “य क्लाउबस्ट तकरीबन 11 बजकर 40 मिनट पर हुआ। हम जैसे ही इनफॉर्मेशन मिली, तमाम रेस्क्यू टीम्स के साथ, लोकल्स के साथ जो सीआईएसएफ, सीआरपीएफ और एसडीआरएफ की टीम्स यहां पहुंचीं। सौ, सवा सौ के करीब जो लोग जख्मी थे, उनको यहां डिफरेंट हॉस्पिटल्स में शिफ्ट किया गया एज पर देअर रिक्वायरमेंट।”

ये हादसा उस वक्त हुआ जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु साढ़े नौ हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित मचैल माता मंदिर की सालाना तीर्थयात्रा के लिए इकट्ठा हुए थे। बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ ने एक अस्थायी बाजार, श्रद्धालुओं के लिए बनाई गई सामुदायिक रसोईघर और एक सुरक्षा चौकी को तहस-नहस कर दिया। इसके साथ ही pm मोदी ने उमर अब्दुल्ला से बात करके किश्तवाड़ के हालात की जानकारी ली।

चश्मदीद “यही होटल पर थे और जब यहीं साथ में आए, जब बादल फटा तो हमने सोचा भूचाल है ये मगर जब हम बाहर निकले तो जो देखा दृश्य वो बहुत बुरा था। इनमें से जो भी हुआ, बहुत बुरा हुआ, हमारे जो लोकल बंदे थे, उधर से नीचे आ रहे थे और गाड़ी की वजह से, ज्यादा शोर की वजह से।” अधिकारियों का कहना है कि बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए मिट्टी हटाने वाली मशीनें विशाल चट्टानों, उखड़े हुए पेड़ों और गिरे हुए बिजली के खंभों को हटा रही हैं, अब तक 167 लोगों को बचा लिया गया है। वहीं 69 लोगों के लापता होने की जानकारी उनके रिश्तेदारों ने दी है।

 

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