Kashmir: कश्मीर घाटी में अत्यंत कड़ाके की ठंड की अवधि ‘चिल्ला-ए-कलां’ शनिवार, 21 दिसंबर से शुरू हो गई। श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से साढ़े आठ डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, ये पांच दशक में दिसंबर की सबसे ठंडी रात थी। सबसे ठंडी रात 1974 में दर्ज की गई थी, जब श्रीनगर का न्यूनतम तापमान शून्य से 10.3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया था। 1891 के बाद ये तीसरी सबसे ठंडी रात थी।
पिछले कुछ दिनों से घाटी में न्यूनतम तापमान शून्य से कई डिग्री नीचे रहा है, श्रीनगर के एक निवासी ने कहा कि ये अब तक का सबसे ठंडा मौसम है।कड़ाके की ठंड की वजह से कई इलाकों में पानी की लाइन और डल झील सहित कई जलाशय जम गए।
मौसम विभाग ने 26 दिसंबर तक मौसम ज्यादातर शुष्क रहने और 21-22 दिसंबर की रात को घाटी के ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी की संभावना जताई है। विभाग ने कहा कि 27 दिसंबर की रात से 28 दिसंबर की सुबह तक ऊंचाई वाले कुछ इलाकों में हल्की बर्फबारी हो सकती है। कश्मीर में सबसे कठोर 40 दिनों तक ठंड का दौर ‘चिल्ला-ए-कलां’ के दौरान बर्फबारी की संभावना सबसे ज्यादा होती है और तापमान में काफी गिरावट आती है।
‘चिल्ला-ए-कलां’ 31 जनवरी 2025 को खत्म होगा। इसके बाद 20 दिन तक चलने वाली ‘चिल्लई-खुर्द’ में शीत लहर का दौर जारी रहेगा। ‘चिल्लई-खुर्द’ के बाद 10 दिन तक ‘चिल्लई-बच्चा’ का दौर रहता है।
निवासियों का कहना है कि “ठंड भी बहुत है, पानी की अगर हम बात करें तो नलके जम जाते हैं। पानी बहुत ठंडा है, बिजली की बात करेंगे तो बिजली बहुत कम है। विंटर में बहुत दिक्कत होती है। बिजली की भी बहुत दिक्कत होती है और पानी की अगर बात करेंगे तो इसमें भी बहुत दिक्कत होती है। बुजुर्गों को जबरदस्त परेशानी है, बच्चों को जबरदस्त परेशानी है।