Jammu Kashmir: कड़ाके की ठंड ने बढ़ाई नदरू उगाने वाले किसानों की मुश्किलें, नदियों के जम रहे पानी से घटी उपज

Jammu Kashmir: नदरू यानी कमल का तना कश्मीरी भोजन का खास हिस्सा है, जो अपनी कुरकुरी बनावट और पौष्टिकता के लिए मशहूर है। खास स्वाद की वजह से इसकी मांग लगातार बनी रहती है। नदरू को देश के दूसरे हिस्सों में कमल ककड़ी कहते हैं।

सर्दियों में नदरू की कटाई करना सबसे मुश्किल कामों में से एक है। किसान घंटों कमर तक ठंडे पानी में खड़े रहते हैं, और बार-बार झुककर मोटी और कीचड़ भरी क्यारियों से कमल के तने निकालते हैं।

श्रीनगर के पास झेलम नदी के किनारे के उन क्षेत्रों को नदरू की पैदावार के लिए सबसे बेहतर माना जाता है जहां पानी का बहाव तेज होता है और कई जलधाराएं मिलती हैं। हालांकि कड़ाके की ठंड की वजह से नदरू उगने वाले इलाके के किसानों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। कठोर ठंड ने उनकी उपज को कम कर दिया है।

वे बताते हैं कि इसकी वजह सिंध नदी में पानी का बहाव कम होना है, जो गांदरबल से इस इलाके में आती है।

नदरू की कम पैदावार से कीमतें बढ़नी चाहिए थीं, लेकिन किसानों का कहना है कि ऐसा नहीं हुआ। इससे उनकी दिक्कतें और बढ़ गई हैं।

पर्यावरणविदों के मुताबिक, गांदरबल के जलमार्गों का सिकुड़ना चिंता बढ़ाने वाला संकेत है क्योंकि इससे इलाके में की जाने वाली नदरू की खेती पर खतरा बढ़ सकता है।

अगर ऐसे हालात बनते हैं तो कश्मीर घाटी में किसानों की रोजी-रोटी का एक बड़ा जरिया छिन जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *