Jammu-Kashmir: कश्मीर घाटी में तापमान लगातार गिर रहा है। श्रीनगर में लोगों ने खुद को गर्म रखने के पारंपरिक तरीके अपना लिए हैं, श्रीनगर में इन दिनों ये नजारा आम हो चला है।
न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे जा रहा है। इसका असर रोजमर्रे की जिंदगी पर पड़ रहा है, औरों के मुकाबले दिहाड़ी मजदूरों की जिंदगी ज्यादा मुश्किल हो गई है।
दिहाड़ी मजदूरों की परेशानी है कि भीषण ठंड की वजह से उन्हें काम-काज भी मिलने में परेशानी हो रही है।
कई लोगों का कहना है कि इस साल समय से काफी पहले कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है। अमूमन कश्मीर घाटी में चिल्लई कलां का दौर 21 दिसंबर से शुरू होता है। ये 40 दिनों तक कठोर सर्दी का दौर होता है।
मौसम विभाग का अनुमान है कि रविवार को काफी हद तक सूखा रहेगा। सोमवार को उत्तर और मध्य कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में कुछ जगहों पर हल्की बर्फबारी हो सकती है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि “बहुत ज्यादा, बहुत ज्यादा, हद से ज्यादा परेशानी है, क्योंकि ठंड बहुत है आज। हम निकलते हैं काम पे तो सुन्न हो जाती है। यहां पे सर्दी बहुत है। तो हम काम नहीं कर पाते। सुबह-सुबह ज्यादा होती है और शाम को। दिन में थोड़ा सा गर्म होता है। ये दो दिन से ज्यादा सर्दी है।”
“बहुत ठंड है। सुबह जब उठते हैं, उस टाइम तो ठंड बहुत होते हैं। तो पानी भी ठंड होते हैं तो दिक्कत हो जाता है।