Jammu-Kashmir: मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम में की विशेष कैबिनेट बैठक

Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम में एक विशेष कैबिनेट बैठक की, जो पिछले महीने एक घातक आतंकवादी हमले से दहल गई थी। इस बैठक में उन्होंने संदेश दिया कि सरकार “आतंकवाद के कायराना कृत्यों से नहीं डरेगी”। बैठक के बाद, मुख्यमंत्री कार्यालय ने पहलगाम क्लब में आयोजित बैठक की तस्वीरें पोस्ट कीं।

पहलगाम में सीएम ने कहा, “लेकिन पहलगाम पर कैबिनेट मीटिंग बुलाने का सिर्फ एडमिनिस्ट्रेटीव या सरकारी फंकशन जो है, वो पूरा करने के लिए हम नहीं आए हैं। हम आए हैं ये दिखाने के लिए कि हिंसा, खून-खराबा इन चीजों के हवाले से हमारा जम्मू कश्मीर में तरक्की का जो एजेंडा है। जम्मू कश्मीर की खुशहाली का एजेंडा है, जम्मू कश्मीर में हमारी नुमाइंदगी का जो एजेंडा है। वो रूकेगा नहीं उसके साथ-साथ इस मीटिंग के हवाले से हम कश्मीर के लोगों को, खासकर पहलगाम के लोगों को 22 अप्रैल के हमले के बाद जो उनका रवैया रहा, जो उनकी बहादुरी रही, जो उन्होंने एक आवाज में आकर हिंसा और खून-खराबे के खिलाफ अपनी आाज बुलंद की, उसका शुक्रिया अदा करने के लिए, उसको सलाम करने के लिए।”

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में ये अपील की थी, मुख्यमंत्री का मानना ​​है कि सरकार के इन ठोस प्रयासों से लोगों का डर काफी हद तक कम होगा, सुरक्षा और विश्वास की नई भावना पैदा होगी और कश्मीर घाटी में पर्यटन के पुनरुद्धार का मार्ग प्रशस्त होगा, जिससे बहुत जरूरी आर्थिक राहत मिलेगी और सामान्य स्थिति वापस आएगी।

जम्मू और कश्मीर सरकार ने 28 अप्रैल को जम्मू में एक दिन का विशेष विधानसभा सत्र आयोजित किया था और सर्वसम्मति से पहलगाम आतंकवादी हमले के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया था और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने और प्रगति में बाधा डालने के नापाक इरादों को हराने के लिए दृढ़ता से लड़ने का संकल्प लिया था।

प्रस्ताव में कहा गया था, “जम्मू और कश्मीर की विधानसभा अपने सभी नागरिकों के लिए शांति, विकास और समावेशी समृद्धि का माहौल बनाने और राष्ट्र और जम्मू और कश्मीर के सांप्रदायिक सद्भाव और प्रगति को बाधित करने की कोशिश करने वालों के नापाक इरादों को दृढ़ता से हराने के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।”

अब्दुल्ला ने अपने 26 मिनट के भावुक भाषण में कहा कि वह इस आतंकवादी हमले का इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए दबाव बनाने के अवसर के रूप में नहीं करेंगे, उन्होंने कहा कि वह “सस्ती राजनीति” में विश्वास नहीं करते।

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि “लेकिन पहलगाम पर कैबिनेट मीटिंग बुलाने का सिर्फ एडमिनिस्ट्रेटीव या सरकारी फंकशन जो है, वो पूरा करने के लिए हम नहीं आए हैं। हम आए हैं ये दिखाने के लिए कि हिंसा, खून-खराबा इन चीजों के हवाले से हमारा जम्मू कश्मीर में तरक्की का जो एजेंडा है। जम्मू कश्मीर की खुशहाली का एजेंडा है, जम्मू कश्मीर में हमारी नुमाइंदगी का जो एजेंडा है। वो रूकेगा नहीं उसके साथ-साथ इस मीटिंग के हवाले से हम कश्मीर के लोगों को, खासकर पहलगाम के लोगों को 22 अप्रैल के हमले के बाद जो उनका रवैया रहा, जो उनकी बहादुरी रही, जो उन्होंने एक आवाज में आकर हिंसा और खून-खराबे के खिलाफ अपनी आाज बुलंद की, उसका शुक्रिया अदा करने के लिए, उसको सलाम करने के लिए।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *