Jammu-Kashmir: अगर हालात जंग के भी हों, तो भारतीय सेना में सेवारत एक युवा महिला को पुरुषों के साथ अग्रिम पंक्ति में तैनात होने पर गर्व है, यह युवा महिला आर्मी डॉक्टर हैं जिन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास तैनात रहते हुए अपनी जिम्मेदारी निभाई।
सेना के मेडिकल कोर का हिस्सा होने के नाते युद्धकाल सहित शांतिकाल दोनों में जवानों का इलाज करने में इनकी अहम भूमिका होती है।
उन्होंने कहा, “मुझे अपनी वर्दी में रहना बहुत अच्छा लगता है, एक डॉक्टर के तौर पर मुझे बहुत सारे सैनिकों से बातचीत करने का मौका मिलता है। हम उन्हें अच्छी तरह जान पाते हैं, खासकर इसलिए क्योंकि वे डॉक्टरों के साथ ज्यादा जानकारी साझा करते हैं। सबसे अच्छा बात यही है कि इस देश के हर राज्य के सैनिकों के साथ बातचीत होना।”
उत्तरी सेक्टर के अग्रिम इलाकों में तेज गर्मी से घबराए बिना उन्होंने दूसरे लोगों को भी सेना में शामिल होने का संदेश दिया।
आर्मी डॉक्टर ने बताया कि “मुझे अपनी वर्दी में रहना बहुत अच्छा लगता है। एक डॉक्टर के तौर पर मुझे बहुत सारे सैनिकों से बातचीत करने का मौका मिलता है। हम उन्हें अच्छी तरह जान पाते हैं, खासकर इसलिए क्योंकि वे डॉक्टरों के साथ ज्यादा जानकारी साझा करते हैं। अच्छी बात यही है कि देश के हर राज्य के सैनिकों के साथ बातचीत होना।”
“चाहे ऑपरेशनल हो या नॉन-ऑपरेशनल, हमें हताहतों की संख्या मिलती रहती है। हम गोली लगने से घायलों को भी संभालते हैं, जिनका हम तुरंत इलाज करते हैं और फिर उन्हें वहां से निकाल देते हैं, महिलाओं को निश्चित रूप से शामिल होना चाहिए और देश की सेवा करनी चाहिए।”