Jammu-Kashmir: पक्षी चहचहा रहे हैं और सूरज धीरे-धीरे जम्मू कश्मीर के अखनूर के इस सीमावर्ती गांव में घरों को रोशन कर रहा है। ये इलाका पिछले हफ्ते तक पाकिस्तान की ओर से लगातार की जा रही गोलाबारी की चपेट में था।
भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को एक-दूसरे के खिलाफ सैन्य कार्रवाई रोकने की सहमति के बाद जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास के गांवों में जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है। राजौरी में दुकानें दोबारा खुलनी शुरू हो गईं, हालांकि लोगों को इस बात की चिंता सता रही है कि ये शांति कितने दिनों तक बरकरार रहेगी।
राजौरी निवासियों का कहना है कि “पिछले एक-दो दिनों से शेलिंग कम हो गई है। लोगों में अभी भी डर का माहौल है, जैसा आप देख सकते हैं। शॉप्स वगैरह जो धीरे-धीरे ओपन हो रही हैं, लेकिन लोगों में अभी भी डर का माहौल है, लोग अभी भी अपने घरों में छुपे हुए हैं। बारामूला में स्कूल दोबारा खुल गए हैं। छात्रों को खुशी है कि वे अपने दोस्तों से मिल सके और अपनी पढ़ाई दोबारा शुरू कर सके।
“आज हमारे स्कूल फिर से खुल चुके हैं क्योंकि जंग के हालात बहुत बिगड़ चुके थे तो आज हम फिर से हम अपने स्कूल में आ चुके हैं और दोस्तों से मिल गए हैं और हम फिर से अपनी पढ़ाई शुरू करेंगे और देखेंगे कि क्या हालात रहेंगे आगे। हम बहुत ज्यादा खुश हैं इस बारे में। हम सारों को अपनी पढ़ाई की टेंशन ही रहती है। ऊपर से आज जो शिफ्ट हो गया है, वापस अक्टूबर सेशन स्टार्ट हो गया है, तो कम वक्त है हमारे पास, पूरा सेशन खत्म करने के लिए। हम वरीड हैं कि हमारी पढ़ाई हो पाएगी अच्छे से या नहीं।”
शिक्षकों ने भी कक्षाएं दोबारा शुरू होने पर खुशी जताई। उनका मानना है कि बार-बार रुकावट से बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ता है।
बारामूला के शिक्षकों का कहना है कि “हमारे स्कूल में फिर से आप देख रहे हैं कि बच्चे स्कूल आ रहे हैं, रौनक फिर से लौटी है। हम भी उम्मीद है करते हैं कि ये अमन बरकरार रहे। आज एक हफ्ते के बाद स्कूल खुले हैं। बच्चे बहुत खुश हैं और शिक्षक भी बहुत खुश हैं। हम स्कूलों के खुलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, क्योंकि हम देखते हैं कि संघर्षों के दौरान बच्चे प्रभावित होते हैं, खासकर उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है। अब तक वे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।”
डोडा सहित दूसरे जिलों में भी हालात सामान्य होते दिख रहे हैं। लोग अपने रोजमर्रा के कामों को निपटाने के लिए घरों से बाहर निकल रहे हैं।