Jammu Kashmir: पाकिस्तान की ओर से की जा रही गोलीबारी के बीच जम्मू कश्मीर के उरी में सीमावर्ती गांवों रुस्तम और मोथल में रहने वाले लोग एहतियात बरत रहे हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि हाल ही में हुई गोलीबारी ने सुरक्षा के लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों को फिर से सामने ला दिया है। खासकर सीमा के करीब रहने वाले परिवारों के लिए।
मोथल गांव के निवासी फारूक अहमद ने कहा, “पहलगाम हमले ने हमें बहुत दुख पहुंचाया है, क्योंकि यहां आने वाले पर्यटक हमारे भाई और मेहमान हैं। ये बहुत गलत था। पाकिस्तान को इसके लिए सजा दी जानी चाहिए। हमारा इलाका सीमावर्ती क्षेत्र है। हमारा गांव पाकिस्तान की सीमा के करीब है। जब पाकिस्तान की सीमा से गोलीबारी होती है, तो गोले हमारे गांव में गिरते हैं।”
क्षेत्र के शैक्षणिक संस्थान छात्रों को विस्तृत सुरक्षा दिशा-निर्देश जारी कर रहे हैं। स्कूल टीचर सीरा अहमद ने कहा, “यहां छोटी सी गोलीबारी भी बड़ी हो सकती है, क्योंकि ये सीमावर्ती क्षेत्र है। यहां सामुदायिक बंकर हैं, लोग अपने घरों में छिप सकते हैं। अगर स्कूल के दौरान ऐसा होता है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। अगर आपको गोलीबारी की आवाज सुनाई दे, तो आपको खुद को गोलीबारी से बचाने के लिए अपनी कक्षा में या किसी दीवार के पीछे छिप जाना चाहिए।”
LoC के नजदीक एक स्कूल में पढ़ने वाले छात्र शहीद अहमद ने छात्रों के सामने आने वाली कठिनाइयों के बारे में बताया। उन्होंने कहा “जब से पहलगाम में आतंकवादी हमला हुआ है, तब से छात्र गोलीबारी को लेकर डरे हुए हैं।” ग्रामीण सीमा पार से होने वाली गोलीबारी से बचने के लिए गांवों में और बंकर बनाने की मांग कर रहे हैं।