Jammu Kashmir: जम्मू कश्मीर के डोडा जिले में चैत्र माह के आखिरी दिन गरज और बिजली के साथ बारिश हुई। इससे लोगों को शुरुआती गर्मी से कुछ वक्त के लिए राहत मिली। हालांकि मौसम में ये बदलाव किसानों को राहत देने वाला नहीं दिखता।
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक बहुत कम बारिश होने की वजह से न सिर्फ खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है, बल्कि इसने आसपास की पहाड़ियों पर बर्फ पिघलने की प्रक्रिया भी तेज कर दी है। आमतौर पर मार्च और अप्रैल के महीने जल निकायों को भरने और भूजल स्तर को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हालांकि, जलवायु परिवर्तन ने इस प्राकृतिक संतुलन को गंभीर रूप से बाधित कर दिया है।
इसके अलावा, इलाके के जंगलों में खास तौर से पाया जाने वाले जंगली मशरूम गुच्ची के उत्पादन पर भी बुरा असर पड़ा है। स्थानीय लोग इस मौसमी उपज पर न सिर्फ खाने के लिए बल्कि आय के एक महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में भी निर्भर हैं।
किसानों ने बदलते मौसम पैटर्न पर गहरी चिंता जताई है। उन्हें चिंता सता रही है कि अगर ऐसे ही हालात बने रहे तो इलाके में लोगों को जल्द ही पानी और भोजन दोनों के गंभीर संकट का सामना करना पड़ सकता है।