Jammu: जम्मू-कश्मीर में एलओसी के पास गांव सिमारी को नई सौगात मिली है, भारतीय सेना और पुणे के एक फाउंडेशन मिलकर सौर ऊर्जा परियोजना के जरिए गांव को बिजली मुहैया करवा रहे हैं।
कश्मीर की कर्नाह घाटी में बसा सिमारी गांव लंबे वक्त से अपने अलगाव के लिए जाना जाता है, इसका आधा हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पड़ता है, भारत के मतदान केंद्र नंबर एक के रूप में इसकी रणनीतिक और लोकतांत्रिक अहमियत है।
रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि “समावेशी विकास और राष्ट्रीय सेवा के एक सशक्त उदाहरण के रूप में, चिनार कोर के तत्वावधान में भारतीय सेना के वज्र डिवीजन और असीम फाउंडेशन की संयुक्त पहल के जरिए करनाह घाटी के सीमावर्ती गांव सिमारी को पूरी तरह से विद्युतीकृत और एलपीजी-सक्षम बना दिया गया है।”
उन्होंने कहा कि “अब तक रोज अंधेरा रहता था, अनियमित आपूर्ति के कारण परिवारों को केरोसिन लैंप और लकड़ी पर निर्भर रहना पड़ता था, बच्चों को ढलती शाम में पढ़ाई करनी पड़ती थी और हर बिजली कटौती के कारण आजीविका ठप्प हो जाती थी।”
गांवावाले इस पहल से काफी खुशा हैं। यहां के एक निवासी ने कहा कि “हम एलओसी के करीब हैं। हमें इंडियन आर्मी ने सोलर प्रोवाइड की है। मैं आर्मी का तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हूं।”
“हम एलओसी के करीब हैं, हमें इंडियन आर्मी ने सोलर प्रोवाइड की है। मैं आर्मी का तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। पहले हमें पढ़ने में बहुत दिक्कतें हो रही थीं, लेकिन जब से आर्मी ने हमें लाइट दी है तो पढ़ने में बहुत आसानी हो रही है यहा बच्चे लाइट की वजह से पढ़ रहे हैं। कभी-कभी सरकारी लाइट होती थी या नहीं लेकिन आर्मी की वजह से लाइट परमानेंट आ रही है। हमारा गांव पाकिस्तान बॉर्डर के नजदीक है। हम आर्मी का तहेदिल से शुक्रिया करते हैं।”