Jammu: जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सीमा पर रहने वाले लोगों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों के विधायकों की बैठक बुलाएगी, ताकि उनके सामने आने वाली समस्याओं का समाधान किया जा सके। एक सवाल के जवाब में उन्होंने ये कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर बाड़ लगाने से प्रभावित किसानों को 144 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि वितरित की गई है। उमर अब्दुल्ला ने सदन को बताया कि “यह एक मानवीय मुद्दा है। सीमा पर रहने वाले लोगों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।”
उन्होंने कहा कि अप्रैल में सत्र के समापन के बाद सीमा क्षेत्र के सभी विधायकों के साथ बैठक की जाएगी। मैं सीमावर्ती क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले सभी विधायकों और अधिकारियों के साथ बैठक बुलाऊंगा। सरकार जो भी जरूरी कदम उठाएगी।”
विजय कुमार, सुरजीत सिंह सलाथिया, देविंदर कुमार मन्याल और सीपीआईएम सदस्य एम वाई तारिगामी सहित कई बीजेपी सदस्यों ने भूमि मुआवजे, बाड़ लगाने से पहले स्थानीय लोगों द्वारा कृषि गतिविधियों और सीमावर्ती बस्तियों की खराब स्थिति से संबंधित मुद्दे उठाए। तारिगामी और बीजेपी विधायक बलवंत मनोकिता के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि जम्मू के सीमावर्ती क्षेत्रों के बारे में सवाल पूछने वाले सदस्य के निर्वाचन क्षेत्र में कोई सीमावर्ती क्षेत्र नहीं है।
तारिगामी ने उनका जवाब देते हुए कहा कि वे किसी भी क्षेत्र के बारे में सवाल उठा सकते हैं और जम्मू केवल उनका नहीं है, मुख्यमंत्री ने बताया कि मुआवजे के रूप में 155.08 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिनमें से 144.12 करोड़ रुपये पहले ही भूमि मालिकों को दिए जा चुके हैं, शेष राशि शीर्षक सत्यापन के लिए लंबित है।
उन्होंने आगे कहा, “अभी 11 करोड़ रुपये खर्च नहीं किए गए हैं। हम विभागों को काम में तेजी लाने के लिए कहेंगे।” प्रश्नकाल के दौरान हीरानगर विधायक विजय कुमार के सवाल का जवाब देते हुए राजस्व मंत्री सकीना इटू ने बताया कि बीएसएफ ने भारत-पाक सीमा पर बाड़ लगाने के लिए जम्मू संभाग के जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों के 113 गांवों में 13,415 कनाल भूमि अधिग्रहित की है। उन्होंने कहा कि बीएसएफ ने इन सीमावर्ती जिलों में 135 फीट चौड़ी पट्टी पर बाड़ लगाई है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि “यह किसी एक माननीय विधायक का मुद्दा नहीं है। बॉर्डर, एलओसी जहां आप देखो इस तरह के मुद्दे आ जाते हैं जम्मू साइड हो या कश्मीर साइड। फिलहाल एक-एक का जवाब यहां नहीं दे पाऊंगा, लेकिन कोशिश हुकूमत की रही कि जितना पैसा आया है उसको वितरित करें। ऐसा नहीं है कि हम बहुत सारे पैसे पर बैठे हुए हैं। 155 करोड़ जो हमें आए, उसमें से 144 करोड़ वितरित हुए हैं। 11 करोड़ फिलहाल विभागों के पास है, जिनको वितरित करना बाकी है। विभागों को कहा जाएगा कि उसमें तेजी लाएं।”