Jammu: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत के साथ जंग में पाकिस्तान को हमेशा हार का सामना करना पड़ा है, राजनाथ ने जम्मू में पूर्व सैनिकों के साथ 9वां सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस मनाते हुए ये बात कही।
उन्होंने कहा, “इतिहास उठाकर देखिए भारत के साथ किसी भी जंग में पाकिस्तान हारा है, चाहे 1938 में हुआ कबायली हमला हो या 1965 का युद्ध हो या 1971 का युद्ध या फिर 1999 का कारगिल युद्ध हो। हर लड़ाई में पाकिस्तान को हार का मुंह देखना पड़ा है। पाकिस्तान ने बार-बार घुसपैठ और आतंकवाद को बढ़ावा दिया है। ये मानते हुए कि जम्मू और कश्मीर में मुसलमानों कश्मीर अपनी सेना का समर्थन करेगा, लेकिन उनकी मुरीद न कभी पूरी हुई है न कभी पूरी हो पाएगी, ये मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं।”
इस दौरान रक्षा मंत्री ने 108 फुट का राष्ट्रीय ध्वज फहराया और जम्मू के अखनूर सीमा क्षेत्र में विरासत संग्रहालय का उद्घाटन किया। राजनाथ ने कहा, “वो पुराने दिन चले गए। अब हमारी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिक्ता है कि जम्मू कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों में जो भी दिलों की दूरियां रह गई होंगी , उनको मिटा देना है। मैं उमर अब्दुल्ला को बधाई देना चाहता हूं इस दिशा में उनके द्वारा कदम उठाए जा रहे हैं। 1965 के युद्ध में जंग के मैदान में मिली जीत भारतीय सेनाओं के शौर्य, पराक्रम और बलिदान का परिणाम था।”
इस अवसर पर जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, “आप वो लोग हैं जिन्होंने देश के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया, जिन्होंने अपने भविष्य और जीवन की चिंता नहीं की और देश की रक्षा के लिए बलिदान देने को तैयार रहे। अब सेवा करना हमारा कर्तव्य है। ये सुनिश्चित करके भुगतान करना हमारा कर्तव्य है कि आप आराम से रहे। हम पूरी कोशिश करेंगे कि भर्ती में आरक्षण का पूरा उपयोग हो, आपको योजनाओं के तहत आवश्यक सभी वित्तीय सहायता बिना किसी बाधा के मिले।” कार्यक्रम में जम्मू, अखनूर, पल्लनवाला, रख्मुथी, नौशेरा और सुंदरबनी के 1,000 से ज्यादा पूर्व सैनिकों ने हिस्सा लिया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि “वह पुराने दिन चले गए। अब हमारी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिक्ता है कि जम्मू कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों में जो भी दिलों की दूरियां रह गई होंगी , उनको मिटा देना है। मैं उमर अब्दुल्ला को बधाई देना चाहता हूं इस दिशा में उनके द्वारा कदम उठाए जा रहे हैं। 1965 के युद्ध में जंग के मैदान में मिली जीत भारतीय सेनाओं के शौर्य, पराक्रम और बलिदान का परिणाम था। इतिहास उठाकर देखिए भारत के साथ किसी भी जंग में पाकिस्तान हारा है, चाहे 1938 में हुआ कबायली हमला हो या 1965 का युद्ध हो या 1971 का युद्ध या फिर 1999 का कारगिल युद्ध हो। हर लड़ाई में पाकिस्तान को हार का मुंह देखना पड़ा है। पाकिस्तान ने बार-बार घुसपैठ और आतंकवाद को बढ़ावा दिया है। ये मानते हुए कि जम्मू और कश्मीर में मुसलमानों कश्मीर अपनी सेना का समर्थन करेगा, लेकिन उनकी मुरीद न कभी पूरी हुई है न कभी पूरी हो पाएगी, ये मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं।”
इसके साथ ही मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि “आप वो लोग हैं जिन्होंने देश के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया, जिन्होंने अपने भविष्य और जीवन की चिंता नहीं की और देश की रक्षा के लिए बलिदान देने को तैयार रहे। अब सेवा करना हमारा कर्तव्य है। ये सुनिश्चित करके भुगतान करना हमारा कर्तव्य है कि आप आराम से रहे। हम पूरी कोशिश करेंगे कि भर्ती में आरक्षण का पूरा उपयोग हो, आपको योजनाओं के तहत आवश्यक सभी वित्तीय सहायता बिना किसी बाधा के मिले।”