USA: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पेंटागन में अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ से मुलाकात की, अमेरिकी रक्षा विभाग ने बताया कि बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने भारत और अमेरिका के बीच आपसी सहयोग, हथियारों की बिक्री और नई रक्षा साझेदारी के लिए रूपरेखा पर हस्ताक्षर करने पर चर्चा की।
अमेरिकी रक्षा सचिव ने कहा कि अमेरिका और भारत दोनों ही क्षेत्र में सुरक्षा चिंताओं से अवगत हैं और दोनों देशों में मिलकर उस खतरे का मुकाबला करने की क्षमता है।
पीट हेगसेथ ने ये भी कहा कि भारत के भंडार में कई अमेरिकी रक्षा हथियारों के होने से व्हाइट हाउस खुश है।उन्होंने भारत को कई प्रमुख लंबित रक्षा बिक्री को पूरा करने और साझा रक्षा औद्योगिक सहयोग और सह-उत्पादन प्रयासों का विस्तार करने और अंतर-संचालन को मजबूत करने की उम्मीद भी जताई।
फरवरी में ट्रंप और मोदी के बीच हुई बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने जैवलिन एंटीटैंक गाइडेड मिसाइलों और स्ट्राइकर बख्तरबंद वाहनों के लिए नई खरीद और सह-उत्पादन व्यवस्था को आगे बढ़ाने की योजना का ऐलान किया था। इसके अलावा छह पी-8आई समुद्री गश्ती विमानों की खरीद पर भी चर्चा हुई थी।
भारत ने पहले ही अपने सैन्य हथियारों में C‑130J सुपर हरक्यूलिस, C‑17 ग्लोबमास्टर III और P‑8I पोसिडॉन विमान, साथ ही CH‑47F चिनूक, MH‑60R सी हॉक और AH‑64E अपाचे को शामिल कर लिया है। भारत हार्पून एंटीशिप मिसाइल, M777 हॉवित्जर और MQ‑9B स्काई गार्डियन का भी इस्तेमाल करता है।
फरवरी में राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी ने प्रशिक्षण, अभ्यास और संचालन को बढ़ाकर सैन्य सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया था।जयशंकर ने कहा कि अमेरिका के साथ भारत के संबंध पहले से ही मजबूत हैं, इन्हें और भी मजबूत किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, “हमारा मानना है कि हमारी रक्षा साझेदारी आज वास्तव में संबंधों के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है। ये सिर्फ साझा हितों पर आधारित नहीं है, बल्कि हम मानते हैं कि ये वास्तव में क्षमताओं और जिम्मेदारियों को और भी गहरा करती है। हम इंडो-पैसिफिक में जो करते हैं। हम मानते हैं कि ये इसकी रणनीतिक स्थिरता के लिए बिल्कुल सही है।”