USA: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा कि पिछले कई साल से मुश्किल दौर का सामना कर रही वैश्विक अर्थव्यवस्था की ‘साफ्ट लैंडिंग’ की संभावना बढ़ रही है। इकोनॉमी में ‘साफ्ट लैंडिंग’ का मतलब आर्थिक विकास के दौरान आने वाली मंदी है। हालांकि इस दौरान पूरी मंदी के हालात नहीं होते, ये उससे पहले ही खत्म हो जाती है।
वाशिंगटन के एक ‘ग्लोबल थिंक टैंक’ से बातचीत के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि कई देशों और बहुपक्षीय वित्तीय संस्थाओं के साथ मिलकर काम करने से अच्छे दिन आने वाले हैं, लेकिन उन्होंने साथ ही चेताया कि अर्थव्यवस्थाएं अभी उतनी तेजी से आगे नहीं बढ़ रही हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा कि “हर देश ने कोविड से उबरने के लिए जितना उधार लेना चाहिए, उससे ज्यादा उधार लिया है, ये उनकी बैलेंस शीट पर है। नतीजतन, राजकोषीय घाटे पर कंट्रोल ज्यादातर देशों के लिए एक चुनौती होगी। इस पर नियंत्रण नहीं तो धीरे-धीरे कम से कम राजकोषीय घाटे को सही संख्या तक लाने के उपाय होने ही चाहिए।”
इसके साथ ही कहा कि “भारत को अच्छी एफडीआई मिली है। इसका मतलब ये नहीं है कि भारत में कुछ भी नहीं आता है। हां, ये आ रहा है, लेकिन इसके आने के साथ, मुझे लगता है कि ज्यादा मौके मौजूद हैं और पूरी बातचीत चीन प्लस वन, साझा मूल्यों, लोकतंत्र, अंग्रेजी बोलने, डेमोग्राफिक डिविडेंड, भारतीय युवाओं के स्किल सेट के साथ इतनी अच्छी है कि वे जीसीसी मैनेज कर रहे हैं। विश्व के जीसीसी भारत में हैं और विश्व के जीसीसी बाहर हैं। सवाल ये होगा कि इसे कौन रोक रहा है? मुझे नहीं लगता कि कोई भी चीज भारतीय अर्थव्यवस्था को रोक रही है। नीतियां काम कर रही हैं, सुधार अभी भी हो रहे हैं और होते रहेंगे। हम नए दोस्तों तक पहुंच रहे हैं और ज्यादा राजस्व, ज्यादा प्लेटफार्मों में भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में भी बात कर रहे हैं, जो निवेशकों के लिए भी आकर्षक होगा।”