Tahawwur Rana: पूर्व NIA प्रमुख योगेश चंद्र मोदी ने कहा कि तहव्वुर हुसैन राणा से पूछताछ के दौरान कुछ बड़े खुलासे होने की संभावना है। मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को विशेष विमान से भारत लाए जाने की संभावना है। पूर्व NIA प्रमुख ने इसे एक बड़ी उपलब्धि बताया कि एक आतंकवादी हमले के आरोपी को भारत वापस लाया गया। योगेश चंद्र मोदी ने राणा के संभावित प्रत्यर्पण को NIA, विदेश मंत्रालय और राजनैतिक नेतृत्व का संयुक्त प्रयास बताया।
उन्होंने कहा कि तहव्वुर राणा को भारत लाना इस बात का सबूत है कि हमारे पास उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। पूर्व NIA प्रमुख ने ये भी कहा कि तहव्वुर राणा के खुलासे से पाकिस्तान का पर्दाफाश हो सकता है। उन्होंने कहा कि ये सभी जानते हैं कि पाकिस्तान विश्व में, विशेषकर भारत में आतंकवाद का सबसे बड़ा प्रायोजक है। उन्होंने कहा कि 26/11 आतंकी हमले में कसाब एक पाकिस्तानी नागरिक था और उसे भारत ने जिंदा पकड़ा था लेकिन तहव्वुर राणा के खुलासे से पाकिस्तान को और ज्यादा बेनकाब किया जा सकेगा।
डेविड हेडली के प्रत्यर्पण पर पूर्व NIA प्रमुख ने कहा कि इस मामले में थोड़ी समस्या है, क्योंकि हेडली अमेरिकी एजेंसियों का सरकारी गवाह बन गया है और अमेरिकी सरकार ने उसे माफ कर दिया है, ऐसे में उन्हें नहीं लगता कि उसका प्रत्यर्पण संभव है। प्रत्यर्पण से बचने के राणा के आखिरी प्रयास के विफल होने के बाद उसे भारत लाया जा रहा है, क्योंकि अमेरिकी उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों ने उसके आवेदन को खारिज कर दिया। राणा को पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से जुड़ा माना जाता है, जो 26/11 के मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है।
26 नवंबर 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों के एक समूह ने अरब सागर में समुद्री मार्ग से भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई में घुसपैठ करने के बाद एक रेलवे स्टेशन, दो आलीशान होटलों और एक यहूदी केंद्र पर हमला किया था। साल 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में छह अमेरिकियों समेत कुल 166 लोग मारे गए थे। इन हमलों को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने अंजाम दिया था। नवंबर 2012 में, पाकिस्तानी समूह के एकमात्र जीवित आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को पुणे की यरवदा जेल में फांसी दे दी गई थी। जांच एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि राणा ने हेडली को भारत के लिए वीजा दिलाने में मदद की थी।
NIA के पूर्व चीफ योगेश चंद्र मोदी ने कहा, “तहव्वुर राणा मुंबई हमले के दो मास्टरमाइंड में से एक था। आपको पता होगा कि NIA की स्थापना वास्तव में मुंबई हमले के बाद ही हुई थी। इसलिए, ये एक बड़ी उपलब्धि है कि इस व्यक्ति को भारत वापस लाया गया है और उसे ट्रायल में शामिल होने के लिए बनाया गया है। जहां तक उसकी विशिष्ट भूमिका का सवाल है, उसने डेविड हेडली के साथ मिलकर इस विचार की शुरुआत की थी। उसकी कंपनी का कार्यालय मुंबई में स्थापित किया गया था, ताकि इन लोगों को मुंबई के साथ-साथ भारत के अन्य स्थानों पर भी आसानी से पहुंचा जा सके, साथ ही आतंकवादियों की जासूसी की जा सके, युवा लड़कों को वे चुन सकें और वे तय कर सकें कि पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा किन क्षेत्रों पर हमला किया जाएगा, इसलिए उसकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है।”