Syria: सीरिया पर इजराइल का हमला, क्या है वजह

Syria: सीरिया में ताजा संघर्ष धार्मिक अल्पसंख्यकों ड्रूज और सुन्नी बेडौइन जनजातियों के बीच हुआ है। यह झड़प दक्षिणी स्वेदा में हुई है, इजराइल ने ड्रूज समुदाय की रक्षा के नाम पर सीरिया की राजधानी दमिश्क के बीचोबीच रक्षा मंत्रालय और दूसरे ठिकानों पर बमबारी की।

ड्रूज संप्रदाय की शुरुआत 10वीं सदी में शिया इस्लाम की शाखा, इस्माइलिज्म के रूप में हुई थी। दुनिया भर में करीब दस लाख ड्रूज हैं। इनमें आधे से ज्यादा सीरिया में रहते हैं। बाकी लोगों में ज्यादातर लेबनान और इजराइल में रहते हैं, जिनमें गोलान हाइट्स भी शामिल है। इसे इजराइल ने 1967 के युद्ध में सीरिया से छीन लिया था और 1981 में अपने कब्जे में ले लिया था।

अनिल त्रिगुणायत, पूर्व राजनयिक “यह इजराइल के ड्रूज समुदाय की सुरक्षा की आड़ में किया हमला है। दरअसल इजराइल पूरे इलाके पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है। इजराइल को राष्ट्रपति भवन या रक्षा मंत्रालय या ऐसी ही किसी जगह पर बमबारी करने की कोई जरूरत नहीं थी, क्योंकि ये सीरियाई सरकार का काम है, जिसपर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने सभी की सुरक्षा के लिए दबाव डाला है, चाहे वो अलावी हों, ड्रूज हों या कुर्द। सच्चाई ये है कि इजराइलियों ने इस स्थिति का फायदा उठाकर उन इलाकों को अपने लिए सुरक्षित किया है जिनपर उनकी लंबे समय से नजर थी।”

अल-शर्रा के नेतृत्व वाली सरकार सीरिया के कुछ जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों का भरोसा जीतना चाहती है। इनमें ड्रूज समुदाय भी शामिल हैं, सरकार में ड्रूज सहित दूसरे अल्पसंख्यकों को शामिल करने का वादा किया गया था, लेकिन मार्च के अंत में घोषित सीरिया की 23 सदस्यों वाली सरकार में केवल एक ड्रूज सदस्य है।

अनिल त्रिगुणायत, पूर्व राजनयिक “अल-शर्रा इजराइलियों से बातचीत करने और उन्हें यह बताने की कोशिश कर रहा है कि उसकी युद्ध में दिलचस्पी नहीं है। वो अपने देश को एकजुट करने की कोशिश कर रहा है। इसमें उसे अमेरिका, तुर्की, सउदी अरब और दूसरे अरब देशों का सहयोग मिल रहा है, लेकिन देश में अंतर-जनजातीय और अंतर-धार्मिक युद्ध का इजराइल फायदा उठा रहा है।”

इजराइल, सीरिया में ड्रूज समुदाय को अपना वफादार और खुद को ड्रूज का रहनुमा बताता है। इजराइल ने दमिश्क पर हमले को ड्रूज समुदाय की सुरक्षा और इस्लामी आतंकवादियों को इजराइल की सीमा से दूर रखने के कदम के रूप में पेश करने की कोशिश की है।

अमेरिका ने हाल में इजराइल और सीरिया के बीच संघर्ष को दोनों देशों के बीच “गलतफहमी” का नतीजा बताया है। अमेरिका विदेश मंत्री मार्को रूबियो “जाहिर है, हालात पेचीदा हैं। सीरिया के दक्षिण-पश्चिम में विभिन्न समूहों, बेडौइन और ड्रूज समुदाय के बीच लंबे समय से तनाव रहा है। लगता है कि इसी की वजह से इजराइल और सीरिया के बीच गलतफहमी पैदा हुई है। हम दिन-रात दोनों पक्षों से बातचीत कर रहे हैं। हमें लगता है कि हम तनाव कम करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उम्मीद है कि हम सीरिया को एक देश के रूप में मजबूत करने में मदद करने और मध्य पूर्व में एक ऐसी स्थिति बनाने में कामयाब होंगे जो ज्यादा स्थिर हो। उम्मीद है कि अगले कुछ घंटों में बेहतर हालात देखने को मिलेंगे।”

इस बीच भारी संख्या में सीरियाई सैनिक दक्षिणी प्रांत स्वेदा से वापस लौट गए। ड्रूज अल्पसंख्यकों के साथ कई दिनों तक झड़प के बाद ये कदम उठाया गया है। सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा ने युद्धविराम का ऐलान किया है। इसके तहत स्वेदा में आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने के लिए ड्रूज गुटों और मौलवियों को नियुक्त किया गया है।

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