SCO Summit: चीन दौरे पर PM मोदी, शी जिनपिंग से आतंकवाद पर हुई गहन चर्चा

SCO Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ वार्ता के दौरान सीमा पार आतंकवाद पर चिंता जताई और इस समस्या से निपटने के लिए भारत और चीन के बीच सहयोग पर जोर दिया। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे को प्राथमिकता बताया। पीएम मोदी और शी चिनफिंग ने व्यापक चर्चा की, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों को बहाल करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

दोनों देशों के बीच संबंध पूर्वी लद्दाख में चार साल से अधिक समय से जारी सीमा गतिरोध के कारण तनावपूर्ण हो गए थे। मिसरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि ये ऐसी चीज है जो भारत और चीन दोनों को प्रभावित करती है और इसलिए यह आवश्यक है कि हम एक-दूसरे को सहयोग प्रदान करें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘और मैं कहूंगा कि हमें चीन का सहयोग प्राप्त हुआ है…।’’

मिसरी की टिप्पणी को इस बात का संकेत माना जा रहा है कि एससीओ घोषणापत्र में, पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवाद की कुछ आलोचना या निंदा शामिल हो सकती है। पाकिस्तान, चीन का सहयोगी रहा है और बीजिंग अतीत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा पाकिस्तान के कई आतंकवादियों को आतंकवादी घोषित कराने के भारत के प्रयासों में बाधा डाल चुका है। मिसरी ने कहा कि दोनों नेताओं ने आतंकवाद से संयुक्त रूप से लड़ने पर भी विचार विमर्श किया। ये पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले और मई में भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के दौरान पाकिस्तानी सेना द्वारा चीनी हथियार प्रणालियों के इस्तेमाल का मुद्दा उठाया, मिसरी ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं बस इतना कहूंगा इस मुद्दे पर चर्चा हुई। यह मुद्दा प्रधानमंत्री ने उठाया और उन्होंने इस मुद्दे पर अपनी बात को बहुत ही स्पष्ट और विशिष्ट रूप से प्रस्तुत किया।’’ मिसरी ने कहा, ‘‘उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि यह एक ऐसी समस्या है जिसके शिकार चीन और भारत दोनों रहे हैं और भारत अब भी इस समस्या का सामना कर रहा है। उन्होंने इस विशेष मुद्दे पर चीन से समर्थन मांगा। और, जैसा कि मैंने कहा चीन ने इस मुद्दे के समाधान के लिए विभिन्न तरीकों से अपना समर्थन दिया है।’’ पीएम मोदी सात साल के अंतराल के बाद शनिवार को दो दिवसीय यात्रा पर चीन पहुंचे। वे शंघाई सहयोग संगठन के वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चीन आए हैं।

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