यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से लगातार यूक्रेन में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। जिसके बाद भारत के लिए सबसे बड़ी चिंता उसके नागरिक यूक्रेन से सुरक्षित वापस लाना है। युद्ध के बीच भारत के लिए यह एक बड़ी चुनौती भी बनी हुई है। दरअसल, रूस के हमलों के बाद यूक्रेन ने अपनी हवाई सीमाओं को बंद कर दिया है। ऐसे में भारत हंगरी, पोलैंड, स्लोवाकिया और रोमानिया के जरिए सड़क रास्तों से भारतीयों को निकालने की योजना पर काम कर रहा है। इसके लिए विदेश मंत्रालय ने इन सीमाओं के पास अधिकारियों को तैनात किया है और इन अधिकारियों के नंबर जारी किए हैं।

वहीं रूस के हमलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर बात की। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक के बाद विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि भारतीयों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है। विदेश सचिव ने कहा कि विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाकिया, हंगरी के विदेश मंत्रियों से बात करेंगे। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में स्थिति से निपटने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। हमने करीब एक महीने पहले यूक्रेन में भारतीय नागरिकों का पंजीकरण शुरू किया था। ऑनलाइन पंजीकरण के आधार पर हमने पाया कि 20,000 भारतीय नागरिक वहां थे। विदेश सचिव ने कहा पिछले कुछ दिनों में 4000 भारतीय नागरिक यूक्रेन से भारत लौट चुके हैं।