Putin: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सरकार को भारत के साथ व्यापार असंतुलन कम करने का दिया आदेश

Putin: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दिसंबर की शुरुआत में होने वाली अपनी भारत यात्रा को लेकर उत्सुकता जताई है और सरकार को आदेश दिया है कि वो नई दिल्ली द्वारा कच्चे तेल के भारी आयात के कारण भारत के साथ व्यापार असंतुलन को कम करने के उपाय करे।

गुरुवार शाम दक्षिण रूस के सोची स्थित काला सागर रिसॉर्ट में भारत समेत 140 देशों के सुरक्षा और भू-राजनीतिक विशेषज्ञों के अंतरराष्ट्रीय वल्दाई चर्चा मंच में बोलते हुए, पुतिन ने इस बात पर जोर दिया कि रूस और भारत के बीच कभी कोई समस्या या तनाव नहीं रहा है और दोनों ने हमेशा अपनी-अपनी संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए कदम उठाए हैं।

रूसी नेता ने कहा, “भारत के साथ हमारी कभी कोई समस्या या अंतरराज्यीय तनाव नहीं रहा। कभी नहीं।” पुतिन ने सोवियत संघ के दिनों से, जब भारत अपनी स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रहा था, रूस-भारत संबंधों की “विशेष” प्रकृति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “भारत में, वे इसे याद रखते हैं, वे इसे जानते हैं और इसे महत्व देते हैं। हम इस बात की तारीफ करते हैं कि भारत इसे नहीं भूला है।”

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना मित्र बताया और कहा कि वे उनके साथ भरोसेमंद बातचीत में सहज महसूस करते हैं। पुतिन ने मोदी के नेतृत्व वाली भारत की राष्ट्रवादी सरकार की तारीफ की और उन्हें एक “संतुलित, बुद्धिमान” और “राष्ट्रीय हितैषी” नेता बताया।

उन्होंने कहा, “भारत में हर कोई ये बात अच्छी तरह जानता है,” खासकर रूस से तेल आयात रोकने के अमेरिकी दबाव को नजरअंदाज करने के भारत के फैसले के बारे में। अमेरिका के दंडात्मक शुल्कों के कारण भारत को होने वाले नुकसान की भरपाई रूस से कच्चे तेल के आयात से हो जाएगी, साथ ही उसे एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में प्रतिष्ठा भी मिलेगी।”

उन्होंने कहा कि व्यापार असंतुलन को दूर करने के लिए रूस भारत से और ज्यादा कृषि उत्पाद और दवाइयां खरीद सकता है। पुतिन ने कहा, “भारत से और ज्यादा कृषि उत्पाद खरीदे जा सकते हैं। औषधीय उत्पादों और दवाइयों के लिए हमारी ओर से कुछ कदम उठाए जा सकते हैं।”  रूस और भारत के बीच आर्थिक सहयोग की अपार संभावनाओं का जिक्र किया, लेकिन इन मौकों को पूरी तरह से हासिल करने के लिए खास मुद्दों को हल करने की जरूरत को भी स्वीकार किया।

वित्तपोषण, रसद और भुगतान संबंधी बाधाओं को प्रमुख चिंताओं के रूप में चिन्हित करते हुए, पुतिन ने कहा, “हमें अपने मौकों और संभावित फायदों को हासिल करने के लिए सभी प्रकार के कार्यों को हल करने की जरूरत है।”

पुतिन ने ये भी याद दिलाया कि रूस और भारत के बीच विशेष रणनीतिक विशेषाधिकार प्राप्त साझेदारी की घोषणा जल्द ही अपनी 15वीं वर्षगांठ मनाएगी, और कहा, “वास्तव में यही है।” उन्होंने कहा कि अपने राजनीतिक संबंधों में रूस और भारत लगभग हमेशा अपने कार्यों का समन्वय करते हैं।

पुतिन ने कहा, “हम हमेशा कई प्रमुख मुद्दों पर अपने देशों की स्थिति को सुनते और ध्यान में रखते हैं। हमारे विदेश मंत्रालय मिलकर काम करते हैं।” इसके अलावा उन्होंने सोची फोरम में हिस्सा ले रहे नई दिल्ली स्थित विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन (वीआईएफ) के महानिदेशक डॉ. अरविंद गुप्ता द्वारा प्रस्तावित एआई और दूसरी अत्याधुनिक तकनीक विकसित करने के लिए एक संयुक्त कोष के विचार का स्वागत किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *