Nobel Prize: वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा, नॉर्वे की नोबेल समिति के अध्यक्ष जॉर्गन वात्ने फ्रिडनेस ने कहा कि वेनेजुएला में राष्ट्रपति पद की विपक्ष की उम्मीदवार रहीं मारिया कोरिना मचाडो ‘‘कभी गहन तौर पर विभाजित रहे विपक्ष को एकजुट करने वाली प्रमुख शख्सियत हैं। एक ऐसा विपक्ष जिसने स्वतंत्र चुनाव और प्रतिनिधि सरकार की मांग को समान रूप से उठाया।’’
विशेषज्ञों का कहना है कि समिति आमतौर पर दीर्घकालिक शांति, अंतरराष्ट्रीय बंधुत्व को बढ़ावा देने और उन संस्थानों के कार्यों पर ध्यान केंद्रित करती है जो इन लक्ष्यों को मजबूत करते हैं।
नोबेल शांति पुरस्कार एकमात्र पुरस्कार है जो ओस्लो, नॉर्वे में प्रदान किया जाता है। इससे पहले चिकित्सा, भौतिकी, रसायन विज्ञान और साहित्य के क्षेत्र में 2025 के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा पिछले दिनों स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में की जा चुकी है।
अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार विजेता का नाम सोमवार को घोषित किया जाएगा। उप्साला विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अशोक स्वैन ने बताया कि “मुझे लगता है कि समय और हालात को देखते हुए मारिया कोरिना मचाडो का चयन समझदारी भरा फैसला है, वह वेनेजुएला की विपक्षी नेता हैं।
वेनेजुएला में एक कार्यकर्ता के रूप में शुरुआत करते हुए वे 20-25 वर्षों से भी ज्यादा समय से इस लड़ाई को लड़ रही हैं। देश की वस्तुतः विपक्षी नेता होने के नाते, उन्हें वेनेज़ुएला सरकार के हाथों भी बहुत कुछ सहना पड़ा है।”
इसके साथ ही बीएचयू प्रोफेसर प्रियंकर उपाध्याय ने कहा कि “दिलचस्प बात यह है कि यह साल बेहद दिलचस्प रहा है क्योंकि रूस, पाकिस्तान और इजराइल तीन ऐसे देश जिनकी स्थिति एक-दूसरे से अलग है, नोबेल पुरस्कार के लिए ट्रंप के नाम की सिफ़ारिश करते हैं।
मुझे यकीन है कि ट्रंप निराश होंगे लेकिन वो अधीर व्यक्ति हैं और शायद उन्हें अगले साल तक इंतज़ार करना चाहिए। अगर वह शांति लाते हैं तो मुझे लगता है कि उन्हें ये सुनिश्चित करने के लिए पूरे एक साल तक शांति की गारंटी देनी होगी।”