Nepal: नेपाल की राजधानी काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यात्रियों में भारी अफरातफरी थी, हवाई अड्डा खुल गया था और उड़ानों का संचालन शुरू हो गया।
काठमांडू में हो रहे हिंसक विरोध के कारण हवाई अड्डा बंद था, सैकड़ों भारतीय सैलानी लंबे समय से बंद उड़ान पकड़ने के लिए बेताब थे। वे जल्द से जल्द सुरक्षित लौटना चाहते थे।
सोशल मीडिया साइटों पर सरकारी रोक के बाद नेपाल में युवाओं के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। इस के बाद कथित राजनीतिक भ्रष्टाचार और आम आदमी के प्रति उदासीनता के खिलाफ लंबे समय से चला आ रहा गुस्सा भड़क उठा।
स्वास्थ्य और जनसंख्या मंत्रालय के मुताबिक ‘जेन जेड’ आंदोलन कहलाने वाले हिंसक प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 30 हो गई है। प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली ने भारी विरोध के बाद इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद नेपाली सेना ने कानून-व्यवस्था संभाल ली।
इसके बाद से यह आंदोलन आदेशों की अवहेलना, लूटपाट, आगजनी, बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ और सरकारी संस्थानों पर हमलों में बदल गया। कई लोगों ने बताया कि वे होटलों में बंद थे, लेकिन सुरक्षित थे। स्वदेश जाने का मौका मिलते ही वे हवाई अड्डे की ओर लपक पड़े।
अशांति के दौरान भारतीय दूतावास ने काफी मदद की। कई लोगों ने इसके लिए दूतावास का आभार जताया।