Kuwait: आतंकवाद के खिलाफ भारत सख्त, प्रतिनिधिमंडल कुवैत में

 Kuwait: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद बैजयंत जय पांडा के नेतृत्व में भारत का एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने के देश के रुख को रेखांकित करने के लिए  कुवैत पहुंचा। ये प्रतिनिधिमंडल बहरीन से यहां पहुंचा है। कुवैत स्थित भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा,‘‘ जय पांडा के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल कुवैत पहुंचा है जो आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने के भारत के दृढ़ संदेश को लेकर आया है।’’

भारतीय राजदूत आदर्श स्वैका ने हवाई अड्डे पर प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया। इस प्रतिनिधिमंडल में ‘ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन’ (AIMIM) के नेता असदुद्दीन ओवैसी, पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद, राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य रेखा शर्मा और अमेरिका, बांग्लादेश और थाईलैंड में भारत के पूर्व राजदूत और पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला भी शामिल हैं।

कुवैत में अपने प्रवास के दौरान प्रतिनिधिमंडल कुवैत सरकार के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों, नागरिक समाज के प्रमुख सदस्यों, प्रभावशाली व्यक्तियों, थिंक टैंक, मीडिया और भारतीय प्रवासी समुदाय के विभिन्न वर्गों के साथ बातचीत करेगा। इससे पहले प्रतिनिधिमंडल बहरीन गया था और उसने बहरीन के उप प्रधानमंत्री शेख खालिद बिन अब्दुल्ला अल खलीफा को भारत के सामने सीमा पार से जारी आतंकवाद की चुनौती और इससे निपटने के लिए नई दिल्ली के दृढ़ संकल्प के बारे में जानकारी दी थी।

बहरीन में प्रतिनिधिमंडल ने बहरीन की संसद के उच्च सदन शूरा बहरीन के अध्यक्ष अली बिन सालेह अल सालेह से भी मुलाकात की थी और आतंकवाद के खिलाफ लड़ने और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के भारत के संकल्प को रेखांकित किया था। भारत के कूटनीतिक प्रयासों के तहत सात प्रतिनिधिमंडल दुनियाभर के देशों की 33 राजधानियों की यात्रा कर रहे हैं, ताकि विशेष रूप से 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर आतंकवाद को लेकर भारत की प्रतिक्रिया और पाकिस्तान की मंशा के बारे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अपनी बात रखी जा सके।

पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने छह मई की देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ढांचों पर सटीक हमले किए थे, जिसके बाद पाकिस्तान ने आठ, नौ और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले करने का प्रयास किया था। भारतीय पक्ष ने पाकिस्तानी कार्रवाइयों का कड़ा जवाब दिया। दोनों पक्षों के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच 10 मई को बातचीत के बाद सैन्य संघर्ष को रोकने पर सहमति बनी थी।

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