France: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने यूरोपीय देशों के लिए रूस की ओर से बढ़ते खतरे को देखते हुए 18-19 साल के स्वयंसेवकों के लिए नयी सैन्य सेवा की घोषणा की, जो अगले साल से शुरू होगी। मैक्रों ने फ्रैंच आल्प्स में स्थित वर्सेस सैन्य अड्डे पर अपने भाषण में कहा कि युवा स्वयंसेवक फ्रांस की मुख्यभूमि और विदेशी क्षेत्रों में 10 महीने के लिए सैन्य सेवाएं देंगे।
उन्होंने कहा, “एक नयी राष्ट्रीय सैन्य सेवा धीरे-धीरे शुरू होने जा रही है, यह अगली गर्मी से शुरू होगी। इस अनिश्चित दुनिया में, जहां सत्ता कानून पर हावी है और युद्ध एक सतत वास्तविकता है, हमारे राष्ट्र को डरने, घबराने या विभाजित होने की कोई जरूरत नहीं है।”
मैक्रों ने कहा कि गर्मी के दौरान तीन हजार युवाओं की भर्ती के साथ यह कार्यक्रम शुरू होगा और फिर 2030 तक हर साल बढ़ते हुए यह संख्या 10 हजार तक पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि फ्रांस का लक्ष्य इस संख्या को 2035 तक 50 हजार तक ले जाना है।
इस साल की शुरुआत में मैक्रों ने फ्रांसीसी युवाओं को स्वेच्छा से सैन्य सेवा में शामिल होने का एक नया विकल्प देने की मंशा जाहिर की थी।
उल्लेखनीय है कि फ्रांस 1996 में अनिवार्य सैन्य भर्ती को समाप्त कर चुका है। मैक्रों ने कहा है कि यूक्रेन में रूस के युद्ध ने यूरोपीय महाद्वीप को “बड़े जोखिम” में डाल दिया है। उन्होंने मंगलवार को रेडियो आरटीएल से कहा, ‘‘रूस को जिस दिन आपने कमजोरी का संकेत दिया, वह आगे बढ़ता चला जाएगा।”
राष्ट्रपति ने अगले दो वर्षों में सैन्य खर्च में 6.5 अरब यूरो की अतिरिक्त वृद्धि की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य 2027 तक वार्षिक रक्षा खर्च को बढ़ाकर 64 अरब यूरो करना है, जो 2017 के खर्च का दोगुना होगा। फ्रांस का लक्ष्य 2030 तक आरक्षित सैनिकों की संख्या को 100,000 तक बढ़ाना है।