Egypt: मिस्र की सभ्यता को प्रदर्शित करने वाले दुनिया के सबसे बड़े संग्रहालय ‘ग्रैंड इजिप्शियन म्यूजियम’ का उद्घाटन किया जाएगा, लगभग दो दशक में निर्मित इस संग्रहालय का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित कर देश के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देना है, राजधानी काहिरा के बाहरी इलाके में गीजा पठार पर स्थित ‘ग्रैंड इजिप्शियन म्यूजियम’ में प्राचीन मिस्र के जीवन की झलक देने वाली 50,000 से ज्यादा कलाकृतियां प्रदर्शित की जाएंगी। यह गीजा पठार पर तीन पिरामिड और ‘ग्रेट स्फिंक्स ऑफ गीजा’ के साथ एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बनेगा।
मिस्र के राष्ट्रपति भवन ने ‘ग्रैंड इजिप्शियन म्यूजियम’ के निर्माण को “मानव संस्कृति और सभ्यता के इतिहास में एक असाधारण घटनाक्रम” करार दिया। उसने बताया कि इस संग्रहालय के भव्य उद्घाटन समारोह में विश्व के कई नेता, राष्ट्राध्यक्ष, शासनाध्यक्ष और शाही परिवारों के सदस्य शामिल होंगे। यह संग्रहालय मिस्र में राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सिसी के 2014 में पदभार ग्रहण करने के बाद संचालित सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक है।
अल-सिसी ने दशकों की आर्थिक सुस्ती और 2011 की अरब क्रांति के बाद उपजी राजनीतिक अस्थिरता से कमजोर हुई अर्थव्यवस्था में नयी जान फूंकने के मकसद से बुनियादी ढांचे में बड़े पैमाने पर निवेश शुरू किया है। ‘ग्रैंड इजिप्शियन म्यूजियम’ के उद्घाटन समारोह से जुड़ी जानकारियां गुप्त रखी जा रही हैं।
इस संग्रहालय को हाल के वर्षों में सीमित आगंतुकों के लिए खोला गया था, लेकिन पिछले दो हफ्तों से यह सभी के लिए बंद है। सरकार ने ‘ग्रैंड इजिप्शियन म्यूजियम’ और निकटवर्ती गीजा के तीन पिरामिड के आसपास के क्षेत्रों का पुनरुद्धार किया है। संग्रहालय तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए न सिर्फ पक्की सड़कें बनाई गई हैं, बल्कि एक मेट्रो स्टेशन का भी निर्माण किया जा रहा है।
इसके अलावा, संग्रहालय से 40 मिनट की दूरी पर, काहिरा के पश्चिम में स्फिंक्स अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी स्थापित किया गया है। एक अरब अमेरिकी डॉलर की लागत ने तैयार ‘ग्रैंड इजिप्शियन म्यूजियम’ का निर्माण साल 2005 में शुरू किया गया था। हालांकि देश में बड़े समय तक जारी राजनीतिक अस्थिरता के कारण इसके निर्माण कार्य में लगातार देरी होती गई। संग्रहालय के अधिकारियों के मुताबिक, ‘ग्रैंड इजिप्शियन म्यूजियम’ के अगले हिस्से में गीजा के तीन पिरामिड की कांच की प्रतिकृतियां बनाई गई हैं, जबकि अंदर प्राचीन कलाकृतियों के प्रदर्शन के लिए 24,000 वर्ग मीटर क्षेत्र निर्धारित किया गया है।
अधिकारियों के अनुसार, संग्रहालय के भीतर प्राचीन मूर्तियों से सुसज्जित एक भव्य छह मंजिला सीढ़ी मुख्य दीर्घाओं और पास के पिरामिड का दीदार कराती है। उन्होंने बताया कि एक पुल संग्रहालय को गीजा के तीनों पिरामिड से जोड़ता है, जिससे पर्यटक पैदल या इलेक्ट्रिक वाहनों के माध्यम से वहां आ-जा सकते हैं। अधिकारियों ने बताया कि ‘ग्रैंड इजिप्शियन म्यूजियम’ की 12 मुख्य दीर्घाओं में प्रागैतिहासिक काल से लेकर रोमन युग तक की प्राचीन वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है, जिन्हें युग और विषय के अनुसार व्यवस्थित किया गया है।
उन्होंने बताया कि दो हॉल मिस्र के फारो तूतनखामुन से जुड़ी 5,000 कलाकृतियों को समर्पित हैं, जिन्हें 1922 में ब्रिटिश पुरातत्वविद् हॉवर्ड कार्टर की ओर से लक्सर में तूतनखामुन के मकबरे की खोज के बाद पहली बार पूरी तरह से प्रदर्शित किया जाएगा। मिस्र के प्रसिद्ध पुरातत्वविद् और पूर्व पुरावशेष मंत्री जाही हवास ने कहा कि तूतनखामुन से जुड़ा संग्रह संग्रहालय का सबसे बड़ा आकर्षण होगा।
उन्होंने कहा, “यह संग्रहालय इतना महत्वपूर्ण क्यों है और हर कोई इसके उद्घाटन का इंतजार क्यों कर रहा है? तूतनखामुन की वजह से।” अधिकारियों के मुताबिक, ‘ग्रैंड इजिप्शियन म्यूजियम’ में प्रदर्शित तूतनखामुन के संग्रह में उनके तीन बिस्तर, छह रथ, स्वर्ण सिंहासन, सोने का ताबूत और दफनाने के दौरान पहनाया गया मुखौटा शामिल है, जो सोने, क्वार्टजाइट, लापीस लाजुली और रंगीन कांच से बना हुआ है, अधिकारियों ने बताया कि यह संग्रहालय मंगलवार से आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा।