Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर एक बार यह कहते हुए सुर्खियां बटोरी हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई। ट्रंप का दावा है कि साल की शुरुआत में दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को उन्होंने “व्यापारिक दबाव” के जरिए शांत कराया था। उनका कहना है कि केवल यही नहीं, बल्कि उन्होंने दुनिया के सात बड़े संघर्षों को थमने में योगदान दिया है, और इसके लिए उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए।
एक कार्यक्रम में बोलते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय मंच पर अमेरिका की साख ऊंची है और इसी वजह से उनकी मध्यस्थता कई विवादों को सुलझा पाई। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भारत-पाकिस्तान और थाईलैंड-कंबोडिया जैसे देशों के बीच टकराव को उन्होंने रोका। ट्रंप ने दावा किया, भारत और पाकिस्तान के मामले में मैंने साफ कर दिया कि यदि लड़ाई हुई तो हम व्यापार बंद कर देंगे।
चूंकि दोनों देशों को व्यापार की जरूरत थी, इसीलिए हालात काबू में आ गए। ट्रंप का कहना है कि उनके प्रयासों से भारत-पाकिस्तान, थाईलैंड-कंबोडिया, आर्मेनिया-अजरबैजान, कोसोवो-सर्बिया, इजरायल-ईरान, मिस्र-इथियोपिया और रवांडा-कांगो जैसे सात विवाद टले। उन्होंने यह भी जोड़ा कि इनमें से लगभग 60% झगड़े व्यापारिक हितों की वजह से रुके।
भारत को दी गई चेतावनी का जिक्र करते हुए ट्रंप ने कहा कि उन्होंने दोनों देशों को याद दिलाया था कि वे परमाणु शक्तियां हैं और युद्ध से सबका नुकसान होगा।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उन्हें कहा गया था, यदि वे रूस-यूक्रेन संकट खत्म कर दें तो नोबेल शांति पुरस्कार दिया जाएगा। इस पर ट्रंप ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, तो फिर उन सात संघर्षों का क्या जिन्हें मैंने पहले ही रोका? मुझे तो हर एक के लिए अलग नोबेल मिलना चाहिए।हालांकि रूस-यूक्रेन युद्ध पर ट्रंप ने माना कि यह उतना आसान नहीं रहा जितना उन्होंने सोचा था। राष्ट्रपति पुतिन से उनके व्यक्तिगत संबंध अच्छे रहे हैं, लेकिन उनके अनुसार स्थिति उम्मीद से ज्यादा जटिल निकली। फिर भी उन्होंने भरोसा जताया कि किसी न किसी तरह इसका समाधान निकलेगा।