Delhi: भारत एक ‘भू-राजनीतिक शक्ति’ के रूप में उभर रहा- न्यूजीलैंड विदेश मंत्री

Delhi:  न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स ने कहा कि उभरते बहुध्रुवीय विश्व में भारत एक ‘‘भू-राजनीतिक शक्ति’’ के रूप में उभर रहा है। पीटर्स ने यह भी कहा कि भारी अनिश्चितता के समय में, वेलिंगटन ने रक्षा और सुरक्षा के मामलों पर नई दिल्ली के साथ और नजदीकी से काम करने के लिए कदम उठाए हैं।

‘थिंक टैंक’ अनंता द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अपने लगभग 30 मिनट के संबोधन में मंत्री ने नई दिल्ली की विकास गाथा की तारीफ की और बताया किया कि न्यूजीलैंड ‘‘भारत के साथ मजबूत संबंध’’ चाहता है। उन्होंने कहा, ‘‘हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उत्पन्न तनाव के मद्देनजर, न्यूजीलैंड के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह भारत और अन्य समान विचारधारा वाले साझेदारों के साथ मिलकर काम करे, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि क्षेत्र स्वतंत्र और खुला रहे और सभी देश शांति और सुरक्षा को आधार प्रदान करने वाले कानूनों का सम्मान करें।’’

पीटर्स ने कहा, ‘‘पिछले 18 महीनों से न्यूजीलैंड और भारत अपने दोनों देशों के बीच उत्कृष्ट संबंधों को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘विदेश नीति में बदलाव के बाद से हमने ठोस प्रगति की है। हमने एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू की है, जो हमारे आर्थिक संबंधों में एक बड़ी सफलता है।’’

पीटर्स, जो न्यूजीलैंड के उप-प्रधानमंत्री भी हैं, इस समय भारत की यात्रा पर हैं। इससे पहले बृहस्पतिवार की रात उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा की। मंत्री ने अपने संबोधन में जयशंकर की प्रशंसा की और कहा कि ‘‘वह दुनिया के अग्रणी राजनीतिज्ञों में से एक हैं’’ और ‘‘न्यूजीलैंड-भारत संबंधों को मजबूत करने’’ की इस महत्वपूर्ण परियोजना पर उनके साथ काम करना बहुत खुशी की बात है।

जयशंकर ने बैठक के बाद ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘इस बात पर सहमति है कि अधिक अस्थिर और अनिश्चित दुनिया में, यह महत्वपूर्ण है कि भारत और न्यूजीलैंड एक नियम-आधारित, शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए करीबी सहयोग करें।’’ पीटर्स ने कहा कि उन्होंने और उनके भारतीय समकक्ष ने ‘‘हमारे क्षेत्र और विश्व के समक्ष पेश कई चुनौतियों’’ पर भी चर्चा की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत के लिए न्यूजीलैंड का महत्व ‘‘आर्थिक संबंधों से कहीं अधिक’’ है और यह रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों तक फैला हुआ है, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में न्यूजीलैंड के लिए प्राथमिकता है।

पीटर्स ने कहा, ‘‘अत्यधिक अनिश्चितता, अस्थिरता और अव्यवस्था के समय में, हमने भारत के साथ रक्षा और सुरक्षा के मामलों पर अधिक निकटता से काम करने के लिए कदम उठाए हैं। हमने हाल में एक रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जो हमारी सेनाओं के बीच घनिष्ठ संबंधों को सुगम बनाएगा।’’

उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड की नौसेना एक ‘संयुक्त कार्य बल 150’ का नेतृत्व कर रही है, जिसका कार्य व्यापार मार्गों की सुरक्षा करना तथा हिंद महासागर और अदन की खाड़ी में आतंकवाद, तस्करी और समुद्री डकैती का मुकाबला करना है। अपने संबोधन में पीटर्स ने यह भी कहा कि न्यूजीलैंड ने पुनर्गठित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम अनिश्चितता की गंभीर स्थिति में काम कर रहे हैं और विश्व अत्यंत आर्थिक और सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘न्यूजीलैंड विश्व में अपना स्थान सुरक्षित करने के लिए विदेश नीति में बदलाव कर रहा है।’’

न्यूजीलैंड उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स कहा कि ‘‘हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उत्पन्न तनाव के मद्देनजर, न्यूजीलैंड के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह भारत और अन्य समान विचारधारा वाले साझेदारों के साथ मिलकर काम करे, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि क्षेत्र स्वतंत्र और खुला रहे और सभी देश शांति और सुरक्षा को आधार प्रदान करने वाले कानूनों का सम्मान करें।’’

‘‘पिछले 18 महीनों से न्यूजीलैंड और भारत अपने दोनों देशों के बीच उत्कृष्ट संबंधों को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। विदेश नीति में बदलाव के बाद से हमने ठोस प्रगति की है। हमने एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू की है, जो हमारे आर्थिक संबंधों में एक बड़ी सफलता है।’’

‘‘इस बात पर सहमति है कि अधिक अस्थिर और अनिश्चित दुनिया में, यह महत्वपूर्ण है कि भारत और न्यूजीलैंड एक नियम-आधारित, शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए करीबी सहयोग करें। अत्यधिक अनिश्चितता, अस्थिरता और अव्यवस्था के समय में, हमने भारत के साथ रक्षा और सुरक्षा के मामलों पर अधिक निकटता से काम करने के लिए कदम उठाए हैं। हमने हाल में एक रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जो हमारी सेनाओं के बीच घनिष्ठ संबंधों को सुगम बनाएगा।’’

‘‘हम अनिश्चितता की गंभीर स्थिति में काम कर रहे हैं और विश्व अत्यंत आर्थिक और सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘न्यूजीलैंड विश्व में अपना स्थान सुरक्षित करने के लिए विदेश नीति में बदलाव कर रहा है।’’

 

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