Canada: कनाडा में 28 अप्रैल को चुनाव होने वाले हैं। अमेरिका के साथ तनाव बढ़ रहा है। इसके अलावा आर्थिक स्थिरता, रोजमर्रे के सामानों की बढ़ती लागत, घर खरीदने के सामर्थ्य में कमी और जलवायु नीति प्रमुख चुनावी मुद्दे हैं। मतदान से पहले इन मुद्दों पर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हो रही है। इस बार के चुनाव में कनाडा की अर्थव्यवस्था मतदाताओं को प्रभावित कर सकती है। बढ़ती महंगाई और वैश्विक अनिश्चितताएं घरेलू बजट पर दबाव डाल रही हैं।इससे राजकोषीय नीति पर बहस बढ़ गई है। आवास के सामर्थ्य में कमी प्रमुख चिंता है। मांग ज्यादा है, आपूर्ति कम है। साथ में कीमतें भी बढ़ रही हैं। ज्यादा घर बनाने और इससे जुड़ी नीति में सुधारों की मांग हो रही है। खान-पान से लेकर स्वास्थ्य और शिक्षा की बढ़ती लागत अहम मुद्दा है। इन्हें लेकर सार्वजनिक सेवाओं में सुधार और घरेलू तनाव कम करने पर बहस हो रही है। जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा नीतियां अहम चुनावी मुद्दे हैं। पर्यावरणीय लक्ष्यों को पाने, आर्थिक विकास और रिन्युएबल एनर्जी की ओर रुझान गर्म मुद्दे हैं।
माइग्रेशन पॉलिसी भी चिंता का विषय है। इसके अलावा मजदूरों की कमी, सीमा प्रबंधन और इंटिग्रेशन से जुड़ी चिंताएं हैं। इन्हें लेकर आर्थिक जरूरतों, सीमा सुरक्षा और कल्चरल इंटिग्रेशन पर बहस बढ़ गई है। इनके अलावा, ट्रंप प्रशासन के दौरान कनाडा-अमेरिका रिश्ता भी अहम हो गया है। अमेरिकी व्यापार युद्ध और ट्रंप की विलय की धमकियों की वजह से तनाव बढ़ गया है। कनाडा के निर्यात पर टैरिफ ने आर्थिक संप्रभुता और रणनीतिक जरूरतों से जुड़ी चिंताएं बढ़ा दी हैं। चुनाव नजदीक आने के साथ राजनैतिक दलों के अभियान तेज हो गए हैं। मतदाताओं को रिझाने के लिए प्रमुख मुद्दे जोरशोर से उठाए जा रहे हैं। सार्वजनिक रैलियों, बहसों और मीडिया के जरिये समस्याओं का समाधान पेश करने की कोशिश की जा रही है। इनके नतीजे 28 अप्रैल को होने वाले चुनाव में स्पष्ट हो जाएंगे। प्रधानमंत्री पद की दौड़ में लिबरल मार्क कार्नी, कंजर्वेटिव पियरे पोलीव्रे, ब्लॉक क्यूबेकॉइस के यवेस-फ्रांस्वा ब्लैंचेट और न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी, यानी एनडीपी के जगमीत सिंह हैं।
बैंक ऑफ इंग्लैंड के पूर्व गवर्नर और केंद्रीय बैंक के पहले गैर-ब्रिटिश प्रमुख मार्क कार्नी को मार्च 2025 में जस्टिन ट्रूडो के बाद कनाडा का प्रधानमंत्री चुना गया था। राजनैतिक अनुभव की कमी के बावजूद लिबरल पार्टी का नेतृत्व करते हुए कार्नी ने पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर ध्यान दिया। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की नीतियों की आलोचना की और कई घरेलू नीतियों में सुधारों का प्रस्ताव रखा। 45 साल के पियरे पोलीव्रे कंजर्वेटिव पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं। उनका आधार मजबूत है और वे जमकर रैलियां कर रहे हैं। कभी वे करों की कम दर और छोटी सरकार के पैरोकार थे। अब पोलीव्रे के चुनावी मुद्दे मंदी और घरों की कमी दूर करना और सामर्थ्य बढ़ाना है। उन्हें अच्छा समर्थन मिल रहा है।
जगमीत सिंह कनाडा की प्रमुख राजनैतिक पार्टी के पहले अल्पसंख्यक नेता हैं। वे 2017 से न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी की अगुवाई कर रहे हैं। ओंटारियो के पूर्व विधायक जगमीत सिंह ने 2019 में पहली बार संसदीय सीट जीती। उन्होंने छात्रों की कर्ज माफी, जलवायु कार्रवाई और सार्वभौमिक दवा कवरेज पर अभियान चलाया। कनाडा में चुनावी माहौल चरम पर है। प्रधानमंत्री पद की होड़ में चार प्रमुख नेता हैं। हर नेता अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और सामुदायिक विकास के लिए अलग-अलग योजनाएं पेश कर रहा है। ऐसे में मतदाताओं को फैसला लेने में भारी दुविधाओं का सामना करना पड़ सकता है।