Canada: विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि भारत और कनाडा द्विपक्षीय संबंधों में “स्थिरता बहाल करने” की दिशा में कदम उठाने पर सहमत हुए हैं। ये बात उन्होंने कनैनिस्किस में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच हुई बैठक के बाद कही।
प्रधानमंत्री मोदी और उनके कनाडाई समकक्ष मार्क कार्नी के बीच बैठक को “बहुत सकारात्मक और रचनात्मक” बताते हुए मिसरी ने कहा कि दोनों नेताओं ने देशों के बीच गहरे संबंधों को स्वीकार किया जो साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, कानून के शासन और लोगों के बीच मजबूत संबंधों पर आधारित हैं।
मिसरी ने कहा कि दोनों देशों के बीच “जल्द से जल्द” एक दूसरे की राजधानियों में उच्चायुक्तों को बहाल करने पर सहमति बनी है, जो महीनों के तनाव के बाद राजनयिक संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में पहला ठोस कदम है, उन्होंने कहा कि समय के साथ अन्य राजनयिक कदम भी उठाए जाएंगे।
दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने विभिन्न क्षेत्रों में वरिष्ठ और कार्यकारी स्तर की बातचीत को दोबारा शुरू करने की भी प्रतिबद्धता जताई। उनके मुताबिक इसका मकसद संबंधों में नई रफ्तार लाना है।
भारत और कनाडा के बीच जिन क्षेत्रों पर खास ध्यान रहेगा उनमें व्यापार, डिजिटल कनेक्टिविटी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के साथ-साथ स्वच्छ ऊर्जा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, खाद्य सुरक्षा और महत्वपूर्ण खनिजों में व्यापक रणनीतिक सहयोग शामिल हैं।
मिसरी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और कनाडा के पीएम मार्क कार्नी ने एक-दूसरे से संपर्क में बने रहने और जल्द से जल्द दोबारा मिलने पर सहमति जताई।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के बीच बहुत सकारात्मक और रचनात्मक बैठक हुई। बैठक में भारत-कनाडा संबंधों के महत्व पर चर्चा की गई, जो साझा मूल्यों, लोकतंत्र और कानून के शासन, लोगों के बीच संपर्क और कई अन्य समानताओं पर आधारित है।”
“प्रधानमंत्रियों ने इस अत्यंत महत्वपूर्ण रिश्ते में स्थिरता बहाल करने के लिए सोचे-समझे कदम उठाने पर सहमति जताई और इनमें से पहला कदम, जिस पर सहमति बनी, वो था एक-दूसरे की राजधानियों में जल्द से जल्द उच्चायुक्तों की नियुक्ति बहाल करना। अन्य कूटनीतिक कदम भी समय आने पर उठाए जाएंगे।”