BRICS Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रमुख वैश्विक निकायों में सुधार पर जोर देते हुए कहा कि ‘ग्लोबल साउथ’ अक्सर ‘‘दोहरे मानदंडों’’ का शिकार हुआ है और विश्व अर्थव्यवस्था में प्रमुख योगदान देने वाले राष्ट्रों को निर्णय लेने वाले मंच पर जगह नहीं मिल पाती है।
वैश्विक शासन में सुधार पर आयोजित सत्र में अपने संबोधन में मोदी ने विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, विश्व व्यापार संगठन और प्रमुख वित्तीय निकायों में सुधार पर जोर देते हुए कहा कि इनमें विश्व की वर्तमान वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) के युग में, जहां प्रौद्योगिकी हर सप्ताह विकसित होती है, वैश्विक संस्थाओं का 80 साल तक बिना सुधार के चलना अस्वीकार्य है। आप 20वीं सदी के टाइपराइटरों पर 21वीं सदी का सॉफ्टवेयर नहीं चला सकते।’’
उन्होंने कहा कि ‘ग्लोबल साउथ’ के बिना ये संस्थाएं ऐसे मोबाइल फोन की तरह लगती हैं, जिनके अंदर ‘सिम कार्ड’ तो लगा हुआ है, लेकिन नेटवर्क नहीं है।
ब्राजील के समुद्र तटीय शहर में समूह के दो-दिवसीय वार्षिक शिखर सम्मेलन के पहले दिन ब्रिक्स के शीर्ष नेताओं ने विश्व के समक्ष उपस्थित विभिन्न चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया।