Kinnaur: हिमाचल प्रदेश में खुला शिपकी ला दर्रा, चीन बॉर्डर तक जा सकेंगे सैलानी

Kinnaur:  देवभूमि हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत वादियों में बने शिपकी ला दर्रे को पर्यटकों के लिए खोल दिया है, आजादी के बाद ये पहली बार है जब इस टूरिस्ट डेस्टिनेशन को सैलानियों के लिए खोला गया है। इससे पहले यहां सिर्फ व्यापारिक गतिविधियां ही होती थी।

भारत-चीन सीमा के पास 12,000 फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर बना यह शिपकी ला दर्रा राजनैतिक कारण से आम लोगों की पहुंच से दूर था। लेकिन केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद इसे खोल दिया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने किन्नौर जिले के अपने दो दिवसीय दौरे के वक्त इसकी शुरुआत की।

केंद्र और राज्य सरकार की ये पहलें किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिले में रणनैतिक रूप से अहम और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध स्थानों तक पहुंच को आसन बानाएगी। इससे इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होने, पर्यटन के जरिए अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और दूरदराज के आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों के बीच राष्ट्रीय एकता की भावना बढ़ने की उम्मीद है।

शिपकी ला दर्रा इलाके के व्यापारियों के लिए भी काफी उम्मीदें लेकर आया है, उन्हें उम्मीद है कि चीन के साथ उनका व्यापार फिर से शुरू हो जाएगा। 2019 से ये बंद पड़ा था, भारत और तिब्बत के बीच पहले रेशम का व्यापार इसी रास्ते से होता था। शिपकी ला दर्रे को व्यापार के साथ-साथ कैलाश मानसरोवर यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों के लिए नए रूट के तौर पर देखा जा रहा है।

हिमाचल की खूबसूरत वादियों में घूमने आने वाले सैलानियों के लिए शिपकी ला दर्रा नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है। यहां से सैलानी अब चीन बॉर्डर तक जा सकेंगे, किन्नौर के खाब में आईटीबीपी की चेक पोस्ट पर पहचान पत्र दिखाने के बाद ही पर्यटकों को आगे जाने की इजाजत मिलेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि “75 साल बाद आज ये अवलोकन करने का मिला हैं शिपकी ला का और 57 साल पहले श्रीमति इंदिरा गांधी जी यहां आयी थीं, श्रीमति इंदिरा गांधी जी जब आयी थीं उस समय ना खच्चर थे, पैदल चलकर आयी थीं।

यह जज्बा उस समय श्रीमती इंदिरा गांधी जी का जो देशभक्ति के प्रति हैं इस चीज को दर्शाता हैं कि आज हमें 57 साल बाद यहां आकर अवलोकन करने का मौका मिला। सामने देखों चाइना की सड़क हैं, शिपकी ला गांव हैं, बर्फ से ढ़के पहाड़ हैं। ये टूरिज्म के लिए खोला गया हैं, इसके लिए मैं भारत सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं।”

इंडो-चाइना ट्रेड एसोसिएशन के संस्थापक हिशी नेगी ने कहा कि “हमारे लिए तो ये बहुत ही अहम दिन हैं, क्योंकि इस जोन के लिए, जो हमारे इस किन्नौर के लिए खासकर इस एरिया के लिए जो एक अल्टरनेट सोर्स ऑफ इनकम है, वो जेनरेट करने का जो टूरिज्म का बढ़वा देने का जो मौका था इस एरिया के लिए, इस जोन के लिए वो शिपकी ला अब एक हब बन जाएगा हमारे लिए, एक टूरिज्म स्पॉट बन जाएगा।”

“अगर बाघा बर्डर खुल सकता है, अगर नाथुला खुल सकता हैं, जहां पर यानी दिक्कते रहीं हैं तो वाई नॉट शिपकी ला, ये तो हमेशा… यहां तो एक भी गोली नहीं चली हैं और हमेशा दोनों तरफ पीसफुल रहा है माहौल तो ये बहूत अच्छा प्वाइंट रहेगा और बनेगा। जिसमें सरकार के तरफ से अगर सहयोग रहेगा तो आने वाले समय में ये बेस्ट जो टूरिज्म स्पॉट बन पयेगा।”

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