Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में सैंज घाटी के देहुरीधार गांव में शुक्रवार को भूस्खलन हो गया। हालात को देखते हुए स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। सैंज घाटी में शुक्रवार शाम तक रुक-रुक कर भूस्खलन होता रहा। भारी चट्टानों, पत्थरों और मलबे की आशंका के चलते ग्रामीणों को रोपा में विश्राम गृह में ले जाया गया। प्रशासन ने ग्रामीणों को टेंट और बाकी सामान उपलब्ध कराने का भरोसा दिया है।
कुल्लू के उपायुक्त तोरु एस रवीश ने कहा, “देहुरीधार गांव में पत्थरों के कारण पूरा इलाका असुरक्षित हो गया है। वहां केवल 11 घर हैं और केवल 20 लोगों की आबादी रहती है। उन्हें निकालकर हमारे लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस में एक ट्रांजिट कैंप में भेजा गया है। जो लोग वहां रहना चाहते हैं, वो रह सकते हैं। बहुत सारे पत्थरों की वजह से गांव को खाली कराना पड़ा।”
उन्होंने आगे कहा, “पत्थर अभी भी गिर रहे हैं। हमें पहले चरण में लोगों की जान बचानी है और हमने ये सफलतापूर्वक कर लिया है। इसके साथ ही, उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। ट्रांजिट कैंप को चालू कर दिया गया है। तकनीकी मूल्यांकन किया जाएगा और ये तय किया जाएगा कि इलाके को फिर से सुरक्षित बनाने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। इसके लिए हमें तब तक इंतज़ार करना होगा जब तक कि इलाका सुरक्षित न हो जाए।”