Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश का मनाली अपने ठंडे मौसम और प्रकृतिक सुंदरता के लिए पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है, लेकिन आजकल इसकी पहचान स्ट्रॉबरी से भी हो रही है।
जिले के ग्रामीण इलाकों में उगाई जाने वाली खूबसूरत रसदार स्ट्रॉबेरी की मार्केट में अच्छी डिमांड है और इसके जरिए स्थानीय लोगों के बीच रोजगार के कई अवसर तो बढ़े ही हैं और किसानों की आय का एक नया स्रोत भी तैयार हुआ है।
तुली राम, स्ट्रॉबेरी फार्म के मालिक “लोकल मंडियों में, होटल में, रिसॉर्ट में, होम स्टे में हर जगह सप्लाई कर रहे हैं। मंडियों में जो रेट है वो 100 से 300 रुपये किलो जा रहा है। जो मंडियों में जो पैकिंग जाती हैं, बड़े डिब्बे की उसमें 100 से 150 रुपये किलो जा रहा है। जो छोटे-छोटे डब्बे हैं उनमें 500 ग्राम, 300 रुपये किलो तक जा रहा है।”
किसानों का कहना है कि भले ही इस वर्ष की फसल पिछले सालों के मुकाबले ज्यादा नहीं हुई हैै, लेकिन मांग लगातार बढ़ रही है, जिससे कीमत में भी उछाल आ रहा है। स्ट्रॉबेरी फार्म के मालिक रमेश ने कहा कि “डिमांड आज कल बहुत है। हमारी तो डिमांड पूरी नहीं होती है। ये कई जगहों से आ रहा है दिल्ली, चंडीगढ़, यहां तक कि यहां के स्थानीय बाजारों से भी।
पर्यटकों को यह बहुत पसंद आता है, कभी-कभी तो पर्यटक भी कम पड़ जाते हैं। बड़े होटल मालिकों की भी बहुत मांग है। मुझे फ़ोन आते हैं कि ‘भाई, इतने किलो भेज दो’. हम वहां भेज देते हैं।”
पर्यटकों और स्थानीय लोगों की लगातार मांग की वजह से, स्ट्रॉबेरी की खेती मनाली में किसानों के लिए आय और रोजगार का एक बड़ा जरिया बनकर उभरी है।